सुनील कोरे, BALAGHAT. बालाघाट में घायल हालात में मिले बाघ की मौत हो गई है। उसके शरीर पर कई जगह घाव भी नजर आए। कान्हा टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बताया कि घायल बाघ की उम्र का ये आखिरी पड़ाव था। ऐसी स्थिति में उसे डॉट गन से बेहोश करना उचित नहीं था। बाघ इतना कमजोर हो गया था कि वह दो कदम चलने लायक स्थिति में भी नहीं था। वह जहां घायल हालत में मिला, देर शाम वहीं उसकी मौत हो गई।
कोहका गांव में ये बाघ जख्मी हालत में नजर आया था
रविवार को बालाघाट में कान्हा नेशनल पार्क की सीमा से लगे कोहका गांव में ये बाघ जख्मी हालत में नजर आया था। वह दिनभर तालाब के किनारे बैठा रहा। चल भी नहीं पा रहा था। उठकर चलने की कोशिश करता, लेकिन लड़खड़ाकर फिर वहीं बैठ जाता। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली, वहां भीड़ जुट गई थी।
बाघ की उम्र करीब 13 से 14 वर्ष थी
दोपहर में जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और कान्हा नेशनल पार्क के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। वन अमले ने दो हाथियों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। उसे लिफ्ट करने ही वाले थे, कि पता चला कि बाघ की सांसें थम चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि बाघ की उम्र करीब 13 से 14 वर्ष थी। उसे देखकर ऐसा लगा कि उसकी उम्र बहुत ज्यादा है और वह कई दिनों से भूखा है।
दूसरे बाघ या अन्य जानवरों से संघर्ष में चोट लगने की आशंका
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाघ के शरीर पर चोट भी थी। अधिकारियों ने आशंका जताई कि वह दूसरे बाघ या किसी अन्य जानवर से संघर्ष में घायल हो गया था। उसकी हालत ऐसी नहीं थी कि वह चोट सह पाता। लिहाजा उसने दम तोड़ दिया।
बाघ वृद्धावस्था में पहुंच गया है अब अपनी अंतिम अवस्था में है
हालांकि, शाम तक दुखद खबर यह मिली कि तालाब में घायल हालत में दिखाई दिए बाघ की बचने की उम्मीद कम है। चिकित्सक ने कहा कि बाघ की उम्र हो गई है। बाघ की हालत देखने के बाद कान्हा टाईगर रिजर्व के वाईल्ड लाईफ चिकित्सक डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि बाघ के किए गए स्वास्थ्य परीक्षण से यह साफ हो चुका है कि बाघ वृद्धावस्था में पहुंच गया है अब अपनी अंतिम अवस्था में है।
रिकवरी की कोई उम्मीद नहीं थी
डॉ. संदीप ने बताया कि बाघ अपना सिर भी नहीं उठा पा रहा था, डीहाईड्रेड इनीसेटेट बॉडी हो गई थी। बाघ को तालाब से बाहर निकालने की काफी कोशिश की गई, लेकिन वह दो कदम भी नहीं चल पा रहा था। उसके केनाईन खत्म हो गए थे, घाव में काफी मक्खियां हो रही थी यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि घाव कैसे हुआ।