राज्य सेवा परीक्षा 2019 के इंटरव्यू समय पर ही, सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार, आयोग ने भी दमदारी से रखा पक्ष

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Jitendra Shrivastava
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राज्य सेवा परीक्षा 2019 के इंटरव्यू समय पर ही, सुप्रीम कोर्ट का रोक से इनकार, आयोग ने भी दमदारी से रखा पक्ष

संजय गुप्ता, INDORE. चार सालों से अटकी राज्य सेवा परीक्षा 2019 की फिर से मैंस कराने और इंटरव्यू प्रक्रिया रोकने की मांग को लेकर लगी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों ही मांगों को मानने से साफ इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हमने अंतिम भर्ती आदेश को ही कोर्ट के आदेश के तहत कर दिया है तो फिर ऐसे में प्रक्रिया रोकने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। मप्र लोक सेवा आयोग ने भी इस परीक्षा के उम्मीदवारों को लेकर दमदारी से पक्ष रखा और कहा कि यह उम्मीदवार चार साल से इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में इंटरव्यू समय पर कराकर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने दी जाए।



9 अगस्त से ही होंगे इंटरव्यू



मप्र लोक सेवा आयोग के प्रवक्ता डॉ. रविंद्र पंचभाई ने कहा कि आयोग ने इस मामले में उम्मीदवारों के हितों को देखते हुए सीनियर अधिवक्ताओं को रखा हुआ था। इंटरव्यू को लेकर किसी तरह का असमंजस नहीं है और तय समय पर नौ अगस्त से ही शुरू होंगे। उल्लेखनीय है कि इंटरव्यू में 1800 से ज्यादा उम्मीदवार शामिल होंगे। साथ ही हाईकोर्ट के आदेश से कुछ अन्य उम्मीदवारों को भी इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित किया गया है, जिनके लिए आयोग को अलग से प्रक्रिया करना है। 



सुप्रीम कोर्ट में इस तरह पहुंची है यह लड़ाई 



राज्य सेवा परीक्षा 2019 में सबसे ज्यादा 571 पद है। इसके चलते उम्मीदवारों को इसमें बेहतर चांस की उम्मीद है, लेकिन यह उतनी ही देरी से हो रही है। दो बार मैंस के रिजल्ट जारी हो चुके हैं। पुराने रिजल्ट को रद्द कर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा एससी, एसटी, ओबीसी के लगभग 2700 से ज्यादा अभ्यर्थियों की विशेष परीक्षा कराने का आदेश दिया गया था। उक्त सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में अधिवक्ता रामेश्वर सिंह द्वारा चुनौती दी गई थी। इसकी सुनवाई में मुख्य न्यायमूर्ति एवं जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा सिंगल बेंच के आदेश को उचित मानकर रिट अपील खारिज कर दी गई थी। इन दोनों आदेशों के विरुद्ध ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन विधिक सहायता से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 5817/2023 दाखिल की गई है।



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आयोग ने कहा फिर परीक्षा कराने गए तो लगेगा लंबा समय



सुप्रीम कोर्ट में इसकी प्रथम सुनवाई 10 अप्रैल को हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई पर अनावेदकों को नोटिस जारी कर संपूर्ण भर्ती याचिका के निर्णय के अधीन कर दिया था। दूसरी सुनवाई 16 मई को जस्टिस कृष्णमुरारी तथा संजय कुमार की खंडपीठ ने की थी। याचिका पर आयोग से जवाब मांगा था। कोर्ट ने चार सप्ताह का समय दिया था। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान आयोग ने अपना पक्ष रखा और कहा कि यह परीक्षा काफी देरी से चल रही है और यदि फिर से सभी परीक्षा रद्द कर फिर से मैंस कराई जाती है तो इसमें काफी देरी होगी। याचिकाकर्ता की मांग थी कि दो बार मैंस हुई है और इस आधार पर मेरिट लिस्ट नहीं बनाई जा सकती है। वहीं आयोग का पक्ष था कि दो बार मैंस हाईकोर्ट के आदेश के पर ही हुई है और इसमें नार्मलाइजेशन लगाया गया था। इसके बाद मेरिट बनी और इंटरव्यू के लिए लिस्ट जारी की गई। फिर से परीक्षा रद्द कर मैंस कराने का कोई अर्थ नहीं है। इसे सुप्रीम कोर्ट ने मान्य किया।



आयोग ने पूर्व एएसजी को उतारा था सुनवाई के लिए



सुनवाई के दौरान लगातार याचिकाकर्ता की ओर से पूरी भर्ती प्रक्रिया को स्टे करने के लिए आवेदन दाखिल किया जा रहा है, लेकिन कभी उन्हें स्टे नहीं मिला। उधर आयोग भी चाहता है कि सभी की भर्ती प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाए, इसलिए इंटरव्यू तारीख घोषित कर दी गई है। आयोग के चेयरमैन डॉ. राजेश मेहरा का पूरा फोकस रहा कि इस परीक्षा में अब कोई देरी नहीं है और उम्मीदवारों के जल्द इंटरव्यू कर भर्ती को अंतिम रूप दिया जाए। चेयरमैन के निर्देशों के बाद आयोग ने इसमें वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व एडिशनल सॉलिसीटर जनरल आत्माराण नाडकर्णी को लिया। उन्होंने ही बुधवार को आयोग की ओर से पैरवी की। उनके तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को स्टे देने से इंकार कर दिया।


MP News एमपी न्यूज राज्य सेवा परीक्षा 2019 State Service Exam 2019 State Service Interviews will be held on time Supreme Court refuses to ban Commission also put forward strongly राज्य सेवा के इंटरव्यू समय पर होंगे सुप्रीम कोर्ट का रोक से इंकार आयोग ने भी दमदारी से रखा पक्ष