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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में पलासिया चौराहे पर गुरुवार रात को बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रैफिक जाम करने और फिर पुलिस के लाठियां भांजने के मामले में टीआई पलासिया संजय बैंस के लाइन अटैच के बाद जोन के डीसीपी आईपीएस धर्मेंद्र भदौरिया को हटा दिया गया है। उन्हें डीसीपी पद से हटाते हुए सेनानी, आरएपीटीसी इंदौर में लूपलाइन में भेजा गया है, लेकिन हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद ने पांच पुलिस अधिकारियों को हटाने की मांग शासन से की है। इसमें भदौरिया के साथ ही एसपीसी पूर्ति तिवारी, टीआई संजय बैंस के साथ टीआई तहजीब काजी, टीआई संतोष यादव भी शामिल है। इसके लिए 48 घंटे का समय दिया गया है नहीं तो साफ चेतावनी दी गई है कि हम सड़कों पर उतरेंगे और फिर हर थाना घेरेंगे। इसके पहले पुलिस ने बजरंग दल के अज्ञात 250 कार्यकर्ताओं के खिलाफ बलवा सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
जनप्रतिनिधियों को चेताया, चुनाव में वोट मांगने जाओगे तो गुस्से से बच नहीं पाओगे
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री सोहन विश्वकर्मा ने भदौरिया के ट्रांसफर आदेश आने से कुछ पहले शाम चार बजे प्रेस कांफ्रेंस की और इसमें पुलिस पर जमकर आरोप लगाए। कहा कि कमाल खान का का बेटा बिलाल खान जो ड्रग्स धंधे में आरोपी है, वह खुला घूम रहा है। उलटे बजरंग दल वालों पर झूठी एफआईआर हो रही है। पुलिस लाठीचार्ज की जरूरत क्यों पड़ी, बर्बर तरीके से लाठियां चलाई गई और यह केवल बजरंग दल को डराने का प्रयास था। सरकार इन सभी अधिकारियों को चिन्हित कर बर्खास्त करें, ऐसा नहीं होगा तो पूरे प्रांत में आंदोलन होगा और इसकी जिम्मेदारी मप्र सरकार की होगी। विश्वकर्मा ने साफ कहा कि चुनाव में विश्व हिंदू परिषद भी वोट करता है। जनप्रतिनिधि भी सुन लें कि इन्हीं कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव के दौरान जाना है, जब चरणबद्ध आंदोलन होगा, तब इस दौरान आप जब मैदान में जाओगे तो इन कार्यकर्ताओं के गुस्से से बच नहीं पाओगे। इसलिए लाठीचार्ज के आदेश देने वाले को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
हम सरकार के नुमाइंदे नहीं है
विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि हम सरकार के नुमाइंदे नहीं है। पथराव पर उन्होंने कहा कि हमने पथराव नहीं किया पुलिस को इसकी जांच करना चाहिए। यह भी कहा गया कि समय उन्हें (सरकार) बताएगा। हमने अपनी मांग रख दी है और जल्द ही आपके सामने परिणाम आएंगे।
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पुलिस हमारी हत्या करना चाहती थी
वहीं विभाग मंत्री राजेश बिजवे ने अपने घाव दिखाते हुए कहा कि पुलिस की पूरी कोशिश थी हमारी हत्या कर दें, अभिषेक उदानिया को तो जमकर पीटा गया है, कल उनकी हत्या हो जाती। हमारे कुछ कार्यकर्ताओं की कभी भी हत्या कराई जा सकती है। ड्रग्स कारोबारियों से पुलिस को लंबी घूस मिल रही है, इसलिए हम सभी को निशाना बनाया जा रहा है और चिहित करके मारा गया है, ताकि आवाज नहीं उठा सकें।
ट्रैफिक जाम पर परिषद नहीं दे पाई सफाई
वहीं परिषद इस दौरान बजरंग द्वारा ट्रैफिक जाम कर लोगों को परेशान करने के लेकर कोई मजबूत जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने कहा कि हमे थाने में रूकने नहीं दिया गया, वहां से रवाना कर दिया गया, हमारी बात नहीं सुनी गई,. इसके बाद वह थाने के बाहर आ गए। बाहर गाड़ियां रखी थी, वही गिरफ्तारी की गई, लाठीचार्ज किया गया।
कांग्रेस ने साधा सरकार पर निशाना
इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। केके मिश्रा ने कहा कि- 'सरकार एक की साबुन से सभी को नहाला रही है, पहले बजरंग दल को राष्ट्रवादी कहा, फिर उसी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की गुंडों की तरह पिटाई की। फिर निचले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए ADG स्तर के अधिकारी से जांच कराने की बात कही। जिसके बाद 250 बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर FIR की और अब DCP को हटा दिया इससे साफ समझ आ रहा है कि एमपी सरकार नहीं सर्कस चल रहा है।'