JAIPUR. राजस्थान में नए जिलों के गठन को लेकर कई तरह के विवाद चल रहे हैं। इसी बीच सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार, 26 जून को जयपुर जिले के कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों को विश्वास में लेने के लिए सीएम हाउस पर लंबी बैठक की। दूदू में जयपुर के आसपास का कोई क्षेत्र शामिल होने को तैयार नहीं है। सीएम के साथ बैठक में जयपुर जिले के विधायकों और मंत्रियों ने यह भी सुझाव दिया कि जयपुर देहात के नाम से अगर जिले का नाम हो जाएगा तो किसी को आपत्ति नहीं होगी। वहीं सीएम गहलोत ने दूदू जिले का नाम जयपुर देहात करने के फार्मूले पर अपनी सहमति दे दी है। अब इस बारे में अंतिम फैसला होना बाकी है।
सीएम ने कहा- जबर्दस्ती किसी क्षेत्र को दूदू में शामिल नहीं किया जाएगा
दूदू जिले में सांभर, फुलेरा और जोबनेर को शामिल करने का विरोध बढ़ने के बाद रविवार (25 जून) को भारी बवाल हो गया था, पुलिस ने प्रदशर्नकारियों पर लाठीचार्ज किया था। इस बवाल के बाद सीएम ने सोमवार (26 जून) जयपुर जिले के विधायकों को सीएम हाउस बुलाया। बैठक में सीएम गहलोत ने यह आश्वासन दिया कि जबर्दस्ती किसी क्षेत्र को दूदू में शामिल नहीं किया जाएगा। लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा।
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मंत्री विधायकों का सुझाव- दूदू में जाने को लोग तैयार नहीं, चुनाव में नुकसान होगा
बैठक में दूदू जिले को लेकर उठे विवाद पर मंत्री और विधायकों ने सीएम से खुलकर कहा कि इस मामले में जनभावना पूरी तरह खिलाफ है। बगरू, जोबनेर, फुलेरा, सांभर क्षेत्र के लोग दूदू में जाने को तैयार नहीं हैं। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बैठक में सीएम से साफ कहा कि जोबनेर से लेकर आसपास के लोग जयपुर से अलग नहीं होना चाहते हैं। यहां के लोग जयपुर जिले में ही रहना चाहते हैं, हमें जबर्दस्ती नहीं करनी चाहिए। सांभर-फुलेरा की जिले की मांग भी पूरानी है, इन लोगों की बात सुनने की जगह दूदू में जबर्दस्ती शामिल करने से आक्रोश है, इस मामले को जल्द नहीं सुलझाया तो नुकसान होगा। बैठक में जयपुर शहर के विधायकों ने एक सुर में सीएम से कहा कि राजधानी के टुकड़े नहीं होने चाहिए।
जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण जिले बनाने का सुझाव
दूदू जिले में शामिल करने का विरोध कर रहे इलाकों के विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लोकसभा क्षेत्र की तर्ज पर ही जयपुर ग्रामीण और जयपुर शहर जिले बनाने का सुझाव दिया है। बैठक में भी यह सुझाव दिया गया कि इन इलाकों के लोग जयपुर के नाम से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। जयपुर शहर क्षेत्र को जयपुर और दूदू और इसके आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर जिले का नाम जयपुर ग्रामीण कर दिया जाता है तो लोग तैयार हो जाएंगे। ऐसे में अब दूदू जिले की जगह जयपुर ग्रामीण नाम किया जा सकता है।
मंत्री खाचरियावास बोले- जयपुर में नहीं होगा कोई परिवर्तन
बैठक के बाद मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि जिलों के विभाजन को लेकर टकराव हो रहा है, ऐसे में जन भावनाओं को देखते हुए ही जिलों का निर्माण किया जाएगा। जो लोग नए जिलों में नहीं जाना चाहते उन्हें नए जिलों में नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जयपुर में कोई परिवर्तन नहीं होगा। जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर के ढाई सौ वार्ड एक ही रहेंगे। जयपुर के सभी विधायकों ने सीएम गहलोत के सामने अपनी बात रखी है। सीएम गहलोत ने साफ कहा है कि जनता की भावनाएं महत्वपूर्ण है, उन्हीं को देखते हुए जिलों का निर्माण करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री गहलोत की भावना है कि जिलों के गठन को लेकर बेवजह टकराव नहीं होना चाहिए, हम चुनाव में जा रहे हैं, बेवजह टकराव क्यों करेंगे।