BHOPAL. मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। मुद्दा चाहे कोई भी हो, उनके बेबाक बयान मध्यप्रदेश की सियासत को हमेशा ही गर्माते रहे हैं। एक बार फिर से उन्होंने कुछ ऐसा कहा है, जिसके बाद एक बार फिर सियासी गलियारों में कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के आपसी संबंधों की चर्चा होने लगी है।
हमारे हाथ एकदम खुले हैं, चिंता मत करोः कैलाश
आखिर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर कैलाश विजयवर्गीय के मन में इतनी तल्खी क्यों रहती है। लोग इसे समझने के लिए कई तरह के कयास लगा रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने दो दिन पहले जो बयान दिया, उसमें इसके राज छिपे हैं। दरअसल कैलाश विजयवर्गीय से कुछ पत्रकारों ने पूछा क्या इस बार इंदौर के विकास के लिए ठाकुर के हाथ खुले हैं। तो कैलाश विजयवर्गीय बोले कि इस बार हाथ पूरी तरह से खुले हैं। एकदम खुले हैं, चिंता मत करो। इसके बाद ही ये सवाल खड़े होने लगे कि क्या इंदौर के विकास के लिए पहले उनके हाथ किसी ने बांधकर रखे थे। जब मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी और उस समय उनके कैबिनेट मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय ने खुद इंदौर में हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि इंदौर के विकास के लिए उनके हाथ शोले फिल्म के ठाकुर जैसे बंधे हुए हैं।
मध्यप्रदेश से दूर रखने की पूरी कोशिश की गई
इंदौर की राजनीति को करीब से जानने वाले बताते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय की दबंगई पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को पसंद नहीं थी। इसलिए पहले उनको इंदौर छोड़कर पूरे मध्यप्रदेश पर फोकस करने के निर्देश दिए गए और बाद में कैलाश विजयवर्गीय को पहले हरियाणा चुनाव के लिए भेज दिया गया और बाद में केंद्र में संगठन में राष्ट्रीय महासचिव बनाकर बुला लिया गया और पश्चिम बंगाल चुनाव की जिम्मेदारी देकर भेजा गया। इस दौरान उनको मध्यप्रदेश से दूर रखने की पूरी कोशिश की गई।
मोहन-कैलाश की जोड़ी कुछ बड़ा कर सकती है
कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर से दूरी बना ली थी, लेकिन अब जबकि मोहन यादव की सरकार बन गई है इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय फिर पावर में आने लगे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के संबंध पूर्व से ही बेहतर बताए जाते हैं। सीएम मोहन यादव भी कैलाश विजयवर्गीय को भाईसाहब और जननायक कहकर संबोधित करते हैं। ऐसे में लगने लगा है कि एक बार फिर से मध्यप्रदेश में कैलाश विजयवर्गीय की तूती बोलने वाली है। राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि मोहन-कैलाश की जोड़ी मध्यप्रदेश की राजनीति में कुछ बड़ा कर सकती है।