MP में करणी सेना की 100 विधानसभा में सीटों की मांग; निर्दलीय लड़ने की चेतावनी, लव-लैंड जिहाद कानून बनाने की भी मांग

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Jitendra Shrivastava
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MP में करणी सेना की 100 विधानसभा में सीटों की मांग; निर्दलीय लड़ने की चेतावनी, लव-लैंड जिहाद कानून बनाने की भी मांग

BHOPAL. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले समाजों ने सत्ता में भागीदारी की मांग शुरू कर दी है। क्षत्रिय करणी सेना ने 100 विधानसभा सीटें मांगी है। प्रमुख दोनों पार्टी बीजेपी और कांग्रेस से सीटों पर क्षत्रिय समाज के नेताओं को टिकट देने की मांग की गई है। इसे लेकर अगस्त में भोपाल में महापड़ाव भी होगा। सीटें नहीं देने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव भी लड़ने की चेतावनी दी गई है। प्रदेश में लव जिहाद और लैंड जिहाद कानून, क्षत्रिय कल्याण बोर्ड बनाने की मांग भी की गई।



27 अगस्त को भोपाल में इकट्ठा होगी करणी सेना



क्षत्रिय एकता महापड़ाव 27 अगस्त को भोपाल में होगा। क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने बताया कि क्षत्रियों की सत्ता में भागीदारी, क्षत्रिय कल्याण बोर्ड, लव जिहाद ,लैंड जिहाद के विरुद्ध कानून, गो हत्या मुक्त मध्यप्रदेश और सनातन बोर्ड के गठन जैसी मांगों को लेकर क्षत्रिय करणी सेना परिवार का भोपाल में महापड़ाव होने जा रहा है। इसमें देशभर से लाखों क्षत्रिय आएंगे, जो अपनी 12 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। कई संत भी इस महापड़ाव का हिस्सा बनेंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शेखावत ने बताया, मध्यप्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 100 ऐसी हैं, जहां क्षत्रियों की संख्या अधिक है। यहां क्षत्रिय समाज का सीधा दखल है। इसलिए इनमें समाज के व्यक्ति को ही टिकट दिया जाना चाहिए।



 सभी सामाजिक संगठनों की भागीदारी रहेगी



राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शेखावत और प्रदेश अध्यक्ष इंदल सिंह राणा ने बताया कि कांग्रेस और भाजपा क्षत्रियों और हिंदू हितों की अनदेखी कर रही है। चुनाव में केवल बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टियां क्षत्रियों और हिंदुओं को ही भूल जाती हैं। यह अब नहीं चलेगा। इसका बीड़ा क्षत्रिय करणी सेना ने उठाया है। इसे लेकर ही भोपाल में महापड़ाव किया जा रहा है। इसमें क्षत्रिय समाज के सभी सामाजिक संगठनों की भागीदारी रहेगी। महापड़ाव का मकसद सत्ता में क्षत्रियों की भागीदारी सुनिश्चित करना है।



करणी सेना और पार्टियों की ये रहेंगी मांगें




  • सत्ता में भागीदारी के लिए विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर क्षत्रियों को टिकट दिए जाए।


  • क्षत्रिय कल्याण बोर्ड और सवर्ण आयोग का गठन हो।

  • सनातन बोर्ड का गठन भी किया जाए।

  • ईडब्ल्यूएस की सभी विसंगतियां दूर कर मात्र 8 लाख रुपए और कम आय का प्रावधान किया जाए।

  • क्षत्रिय छात्रों के लिए प्रत्येक जिले में हॉस्टल का निर्माण किया जाए।

  • महापुरुषों और वीरांगनाओं का इतिहास संरक्षित करने के लिए भी आयोग का गठन किया जाए।

  • प्रदेश में गो रक्षार्थ कड़े कानून बनाना और गो माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाने के लिए उत्तराखंड की तर्ज पर बिल पास कर केंद्र को भेजा जाए।

  • लव जिहाद, लैंड जिहाद को लेकर कड़ा कानून बनाया जाए। गुजरात में यह कानून बना है। इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी कानून बने।

  • सभी भूतपूर्व सैनिकों और शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरियों में वरियता दी जाए।

  • एट्रोसिटी एक्ट का विरोध नहीं, लेकिन इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए भी कानून बने। प्रोत्साहन राशि का भुगतान बंद करना और गिरफ्तारी जांच के बाद ही हो।

  • आरक्षण का कोई भी विरोध नहीं, लेकिन आरक्षण की समीक्षा हो। क्रिमिलेयर का प्रावधान हो। ताकि जरूरतमंद वंचित लोगों तक इसका लाभ पहुंच सके। आरक्षण का प्रावधान आर्थिक आधार पर किया जाए।

  • बुंदेलखंड संभाग को अलग राज्य घोषित किया जाए।



  • हिंदू विरोधी मुद्दों पर सरकार से बात करेंगे



    राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शेखावत ने बताया, यदि सरकार इन मांगों को नहीं मानती है तो महापड़ाव के दौरान ही करणी सेना प्रदेशभर में विधानसभा चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवारों को उतारने की रणनीति तैयार करेगी। इस महापड़ाव में बड़ी संख्या में देशभर के साधु-संतों को भी आमंत्रित किया जा रहा है, जो क्षत्रियों और हिंदू विरोधी मुद्दों पर सरकार से बात करेंगे।


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