BHOPAL. मध्य प्रदेश में लाउडस्पीकर का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच खंडवा शहर के काजी ने साफ शब्दों में राज्य प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, हम सब कानून के मानने वाले लोग हैं। हमारी अपील है कि आप हमारे साथ ऐसा कोई व्यवहार न करें, जिससे हमको मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़े।
बैठक में प्रशासन के खिलाफ शहर काजी भड़के
खंडवा में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से सभी मजहब के प्रमुखों के साथ स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में मीटिंग रखी गई थी। इस बैठक में प्रशासन के खिलाफ शहर काजी का गुस्सा दिखने को मिला। काजी सैयद निसार अली ने कहा कि खंडवा के तमाम लोगों ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अपनी-अपनी मस्जिदों, इबादतगाहों से सारे साउंड सिस्टम निकाल लिए। सिर्फ एक साउंड सिस्टम रहने दिया।
बड़वानी-खरगोन का नहीं आप हमें इंदौर का हवाला दें
काजी निसार अली ने कहा कि जिला प्रशासन ने उस समय कहा था, सबको इजाजत देंगे, आप इजाजत मांगो। सभी ने इजाजत के लिए आवेदन भी दिया। आज प्रशासन हमें कह रहा है कि सारे मस्जिदों से, मंदिरों से, गुरुद्वारे से साउंड सिस्टम उतारने होंगे। काजी ने कहा कि जिला प्रशासन ने इस दौरान हमें बड़वानी और खरगोन का हवाला दिया। आप हमें इंदौर का हवाला दें। जहां एक भी साउंड सिस्टम नहीं हटा है। हम सब मजहबी प्रवृत्ति के लोग हैं। यह नास्तिकों का मुल्क नहीं है। यह मजहब को मानने वाले लोगों का मुल्क है। मजहब के आधार पर और कानून के आधार पर यह मुल्क चलेगा।
हमें सड़कों पर उतरने पर मजबूर न करेंः निसार अली
निसार अली ने कहा कि आप साउंड सिस्टम चेक करने की डिवाइस के हिसाब से साउंड चेक करके सिस्टम लगवाएं। यह नहीं चलेगा कि सभी मजहबी स्थलों से आप साउंड सिस्टम पूरी तरीके से हटा दो। आदेश जो भी हो, तमाम लोग उस चीज का पालन करेंगे, लेकिन यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा कि इबादत की जगह से अजान की आवाज, कीर्तन की आवाज और भजन की आवाज बंद करके आप नास्तिकता का सबूत दें। हमारी गुजारिश है कि आप हमारे साथ ऐसा कोई व्यवहार न करें, ताकि हमको मजबूर होकर सड़कों पर उतरना पड़े
यह है पूरा मामला
13 दिसंबर को सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग हुई थी। जिसमें धार्मिक स्थल और दूसरे स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को अवैधानिक रूप से और निर्धारित मापदंड से ज्यादा बजाने पर बैन लगाने का फैसला लिया गया था। इसके बाद से ही राज्य में मौजूद धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे जाने लगे।