Bhopal. एक ओर दिल्ली में भारी प्रदूषण की खबरें ही रही थीं, वहीं अब इस मामले में मप्र के चार बड़े शहरों ने भी चिंता बढ़ा दी है। इनमें ग्वालियर और भोपाल प्रदूषण सबसे ज्यादा है। इसी समय ग्वालियर (लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम महाराज वाड़ा) का 338 एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) दर्ज किया गया, जो वेरी पुअर यानी बहुत खराब स्तर कहा जाता है, वहीं करीब 6 महीने बाद भोपाल में एक्यूआई माड्रेट से पुअर (खराब) स्थिति में पहुंचा गया। इसके चलते भोपाल (लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम पर्यावरण परिसर) प्रदेश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है। इसके चलते पिछले कुछ दिन से भोपाल में पॉल्यूशन अब लाल रेखा की और बढ़ता दिखाई दे रहा है। बढ़ते प्रदूषण से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा।
ठंड के सीजन में ही क्यों बढ़ता है प्रदूषण
पर्यावरण के जानकारों के अनुसार, ठंड के सीजन में आम तौर पर एक्यूआई बढ़ता ही है। ठंड में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैसें एक्सपेंड नहीं हो पाती और वायुमंडल में ठहरी रहती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, गैस और धूल के कण वायुमंडल में देर तक ठहरते हैं। इससे एक्यूआई बढ़ता है, जो हानिकारक स्थिति तक पहुंच जाता है।
भोपाल में सोमवार को एक्यूआई की स्थिति
- इलाका एक्यूआई
- पर्यावरण परिसर 310
- टीटी नगर 230
- ईदगाह हिल्स 220
(जानकारी प्रदूषण बोर्ड के लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम के अनुसार )
मप्र के चार शहरों में पुअर से अधिक प्रदूषण
- शहर एक्यूआई
- ग्वालियर 338
- भोपाल 310
- इंदौर 282
- सिंगरौली 202
जानें एक्यूआई का स्तर स्थिति
- 0-50 गुड (बेहतर)
- 51-100 सटिसफैक्ट्री (औसत संतोषजनक)
- 101-200 मॉडरेट (औसत)
- 201-300 पुअर (खराब)
- 301-400 वेरी पुअर (बहुत खराब)
- 401-500 सीवियर (चिंताजनक)