संजय शर्मा, BHOPAL. मप्र विधानसभा में दो दिवसीय प्रबोधन और विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला शामिल हुए। लोकसभा अध्यक्ष ने विधायकों को सदन की कार्रवाई और आचरण के संबंध में संबोधित कर सदन की कार्रवाई को ज्यादा समय तक चलने देने और उसे बाधित नहीं करने की सलाह दी है। लोकसभा स्पीकर ने इस मौके पर मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि कोई भी अध्यक्ष नहीं चाहेगा की सदस्यों का निलंबन हो, लेकिन सदन की गरिमा बनाए रखना भी जरूरी है। उन्होंने सदन में हंगामे की परम्परा को खत्म करने का भी समर्थन किया। विधानसभा परिसर पहुंचने पर लोकसभा स्पीकर का अभिनन्दन विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने किया।
सदन में व्यवधान करना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं
संसद से करीब डेढ़ सौ सदस्यों के निलंबन को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को भोपाल में दिया। उन्होंने कहा कि कोई अध्यक्ष नहीं चाहता है कि सदस्यों का निलंबन हो, लेकिन सदन की गरिमा और मर्यादा को बनाया रखना जरूरी है। सदन नहीं चलने देना है, इसलिए नियोजित तरीके से व्यवधान करना लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल आए थे।
स्पीकर ने कहा, सवाल अनावश्यक लम्बा न हो
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संबोधित करते हुए कहा कि मप्र में 16वीं विधानसभा के लिए 69 सदस्य पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं। उन्हें सदन की कार्रवाई को जानने-समझने के लिए लगातार कई बार विधायक बन चुके सदस्यों के अनुभवों का लाभ लेना चहिये। सदन के चलने और निर्बाध कार्रवाई का लाभ विधानसभा के जरिए जनता को भी मिलेगा। विधायकों को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयास करना चाहिए। सत्र के दौरान सदन में पक्ष-विपक्ष में स्वस्थ चर्चा होगी तो इसके अच्छे परिणाम भी सामने आएंगे। विधायक यदि विधानसभा की नियमावली का अध्ययन करके व्यवस्थित सवाल प्रश्नकाल में रखेंगे तो निश्चित है मंत्रिओं को भी तैयारी से आना होगा। प्रश्नकाल में विधायक तैयारी से सवाल पूछेंगे तो मंत्री को भी तैयारी से आना पड़ेगा। इसका भी ध्यान रखा जाए सवाल अनावश्यक लम्बा न हो।
हमारे विचार और कार्यप्रणाली में है लोकतंत्र
लोकसभा अध्यक्ष ने लोकतंत्र हमारे विचारों और कार्यप्रणाली में हैं। जन आंदोलन के माध्यम से देश ने आजादी प्राप्त की। आजादी के लिए हमारे आंदोलन ने दुनिया को प्रेरणा दी है। इसलिए दुनिया भारत को सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश कहती है। यहां जनता जिसे जनादेश देती है उसे सहर्ष सत्ता का हस्तांतरण कर दिया जाता है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने भी विधायकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा लोकसभा अध्यक्ष के रूप में ओम बिरला को लोकतंत्र की जड़ें की मजबूती के लिए नए-नए आयाम स्थापित करने का गौरव प्राप्त है। विधायकों के प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षक उपयुक्त हों इसके लिए लोकसभा का सहयोग जरूरी था और लोकसभा सचिवालय ने पूरा सहयोग दिया है।
अच्छे जनप्रतिनिधि के साथ अच्छे विधायक भी बनें
वहां के विशेषज्ञ अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण देंगे। सदस्यों को अच्छे जनप्रतिनिधि के साथ अच्छा विधायक बनना जरुरी है। कुछ सदस्यों को ऐसा लगता है ज्यादा शोर करने पर उनकी बात सुनी जाएगी। जबकि वही बात शालीनता के साथ भी रखी जा सकती है। विषय को लेकर नाराजगी है तो भाव गुस्से वाले हो सकते है लेकिन सदस्यों को गुस्सा नहीं आना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा-प्रबोधन के बाद प्रशिक्षण शिविर शुरू करें। 1985 के बाद प्रशिक्षण बाकी है। सीएम ने कहा- महर्षि पाणिनी को हमने नहीं देखा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दरवाजे पर मस्तक रखकर लोकतंत्र के पावन मंदिर को प्रणाम किया वो हमारे जीवन में पाथेय रहेगा।
मप्र विधानसभा में बनेगा रिसर्च सेंटर
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मीडिया से चर्चा में बताया की विधानसभा अध्यक्ष यहां रिसर्च सेंटर बनाना चाहते हैं। इस सेंटर में विधानसभा की पुरानी कार्यवाही, बहस-चर्चा उपलब्ध होगी। सभी सदस्यों को इनके माध्यम से अध्ययन और विधानसभा की पुरानी कार्यवाहिओं से नियमों को समझने का अवसर मिलेगा। वहीं संसद में सदस्यों के निलंबन की कार्यवाही पर स्पीकर ने कहा कोई अध्यक्ष नहीं चाहता की सदस्यों का निलंबन किया जाए, लेकिन सदन की प्रतिष्ठा को बनाये रखना जरूरी है। कुछ समय से नियोजित तरीके से सदन को नहीं चलने देने के मामले सामने आ रहे थे। ई-संसद के बारे में भी लोकसभा स्पीकर ने बताया, उन्होंने कहा हमारी लोक सभा की कार्यवाही ऑनलाइन है और इसे कई देशों के प्रतिनिधि भी देखने-समझने आते है।