Bhopal. मध्यप्रदेश सरकार के पास इस वक्त कोई भी उड़नखटोला यानि कि हवाई जहाज नहीं है। साल 2020 में सरकार का एकमात्र विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसके बाद से ही सरकार निजी कंपनियों के विमान किराए पर लिए हुए है। इसके लिए सरकार हर माह करीब 3 करोड़ रुपए का खर्च वहन कर रही है। इस लिहाज से एक दिन का खर्च 10 लाख रुपए है।
चुनावी साल में निजी कंपनियों से करार
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, ऐसे में सरकार ने सीएम समेत अन्य मंत्रियों को हवाई यात्रा कराने के लिए निजी विमानन कंपनियों से करार किया है। सरकार ने एक दो नहीं बल्कि 12 विमानन कंपनियों से अनुबंध किया है। ताकि चुनाव प्रचार में कोई कोर कसर न रहे। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 30 करोड़ रुपए के बजट का भी प्रावधान रखा गया था, जिसे अब बढ़ाकर 40 करोड़ रुपए किया जा चुका है। ताकि मंत्रियों को उड़न खटोलों की सवारी कराने में कोई कोरकसर न रह जाए।
इन कंपनियों से किया अनुबंध
सरकार ने जिन कंपनियों से अनुबंध किए हैं, उनमें विलो सिटी चार्टर प्रालि मुंबई, एयरो क्राफ्ट सेल्स एंड चार्टर नई दिल्ली, साईं एविएशन नासिक, सारथी एयरवेज नई दिल्ली, ट्रियमफेंट एविएशन नासिक, सिंपसैंप एयरवेज मुंबई, ओएसएच एयर मैनेजमेंट नई दिल्ली, रेड बर्ड नई दिल्ली, जेट सर्व एविएशन गुरुग्राम, विनायक एविएशन नई दिल्ली, यूनिवर्सल एविएशन नई दिल्ली और चिपसन एविएशन नई दिल्ली जैसी कंपनियां शामिल हैं।
धुआंधार दौरे होने हैं
दरअसल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकारी की योजनाओं का प्रचार करने और जनता को रिझाने सीएम और दिग्गज मंत्रियों के धुआंधार दौरे पूरे प्रदेश में होने हैं। ऐसे में इन दौरों के लिए सरकार ने निजी विमानन कंपनियों से करार किया है। जाहिर है सरकार चुनाव में मेहनत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने वाली है। लिहाजा विमानों की व्यवस्था के लिए यह पूरी कवायद की गई है।