मध्य प्रदेश के लगभग 12 हजार पटवारियों ( Patwaris ) और राजस्व निरीक्षकों ( Revenue Inspectors ) को गृह तहसीलों (Home Tehsils) से हटाने की तैयारी शुरू कर दी गई है, जिससे प्रदेशभर में असमंजस का माहौल बन गया है। राज्य के भू-अभिलेख आयुक्त ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश भेजकर गृह तहसील और गृह अनुभाग में पदस्थ पटवारियों और आरआई ( RI ) की सूची प्रस्तुत करने को कहा है। इस पत्र में पुरानी नीति का उल्लेख करते हुए गृह तहसील में पटवारियों की पदस्थापना न करने की बात कही गई है।
पटवारियों को इधर-उधर करेगी सरकार
प्रदेश सरकार के इस निर्णय के बाद लगभग 25 हजार पटवारियों और 1300 राजस्व निरीक्षकों में खलबली मच गई है। सरकार का मानना है कि गृह तहसील में पदस्थ रहने से पटवारियों के कार्य में निष्पक्षता की कमी आ सकती है। इसी कारण सरकार गृह तहसीलों में पदस्थ सभी पटवारियों को हटाने पर विचार कर रही है।
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एमपी पटवारी संघ ने किया विरोध
एमपी पटवारी संघ ( MP Patwari Association ) ने इन निर्देशों का विरोध किया है और कहा है कि पहले से पदस्थ पटवारियों पर यह निर्देश लागू नहीं होते। पटवारी संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह (Upendra Singh) का कहना है कि यह नीति केवल नए पटवारियों पर लागू होती है, और पुराने निर्देश पहले ही रद्द कर दिए गए हैं। संघ ने सरकार से आदेश की स्पष्ट जानकारी मांगी है।
वहीं, राजस्व विभाग के अधिकारियों का मानना है कि राज्य सरकार का यह कदम पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। अब यह देखा जाना बाकी है कि इस नीति का राज्य के विभिन्न जिलों में पटवारियों की कार्यप्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ेगा। गृह तहसील से हटाए जाने की इस प्रक्रिया से राज्य के लगभग 12 हजार पटवारियों के कार्यस्थल में बदलाव हो सकता है।
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