3 नक्सली और 7,500 जवान, फिर भी पकड़ने में नाकाम! सालाना खर्च 70 करोड़

मध्य प्रदेश में अब सिर्फ तीन नक्सली बचे हैं। ये तीनों बालाघाट और मंडला में एक्टिव हैं। इन्हें पकड़ने के लिए सालाना 70 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश में अब सिर्फ तीन नक्सली बचे हैं। यह हम नहीं बल्कि राज्य पुलिस के आंकड़े कह रहे हैं। पुलिस के मुताबिक ये तीनों बालाघाट और मंडला में एक्टिव हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इन तीनों को पकड़ने और खत्म करने के लिए 7 हजार 500 से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात किया है। हालांकि, ये अभी भी सुरक्षा बलों की पकड़ से दूर नजर आ रहे हैं।

इन नक्सलियों को खत्म करने के लिए दो जिलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 3 बटालियन समेत 7 हजार 500 से ज्यादा पुलिस बल तैनात हैं। बता दें कि इस मिशन में एक आईजी, एक डीआईजी और 6 एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र से सीआरपीएफ की दो और बटालियन मांगी हैं ताकि इन तीनों नक्सलियों को पकड़ा जा सके।

24 साल से गिरफ्तार नहीं 

अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस पिछले 24 सालों में इन 3 नक्सलियों में से एक को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है। आखिरी बार साल 2000 में एक नक्सली पकड़ा गया था, उसे भी 2004 में रिहा कर दिया गया था। अफसरों का कहना है कि इन नक्सलियों का ग्रामीण इलाकों में मजबूत नेटवर्क है। ये छापेमारी से पहले ही फरार हो जाते हैं। पुलिस का ये भी कहना है कि यहां छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 60 नक्सलियों का मूवमेंट है, इसलिए भारी सुरक्षा बल तैनात हैं।

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केवल बालाघाट में 6 हजार जवान तैनात

बता दें कि अकेले बालाघाट में 6 हजार पुलिस जवान तैनात हैं। जबकि मंडला में 1 हजार 500 पुलिस बल हैं। इन जवानों को तैनात करने की वजह यह बताई जा रही है कि बालाघाट में दूसरे राज्यों यानी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से करीब 60 नक्सलियों का मूवमेंट रहता है। इनके साथ मुठभेड़ होती रहती है, जिसके चलते यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

किसकी कितनी टीमें तैनात

  • सीआरपीएफ - 3 बटालियन
  • एसएएफ - 1 बटालियन
  • हॉक फोर्स - 1 बटालियन
  • कोबरा - 1 कंपनी
  • स्टेट आईबी टीम 1
  • जिला पुलिस बल 2500

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ये हैं तीन नक्सली

जिन तीन नक्सलियों की तलाश पूरी पुलिस फोर्स कर रही है उनमें पहला नाम दीपक उर्फ ​​सुधाकर का है, जिसकी उम्र 50 साल है। उस पर 29 लाख का इनाम घोषित है। बताया जा रहा है कि वो बालाघाट के ग्राम पालागोंदी चौकी सोनावाली थाना रूपझर का रहने वाला है। दीपक पर बालाघाट में 125 मामले दर्ज हैं। दूसरी नक्सली जिसकी पुलिस तलाश कर रही है उसका नाम संगीता उर्फ ​​सेवंती पंद्रे है, जिसकी उम्र 38 साल है। इस पर 14 लाख का इनाम है। तीसरे का नाम राम सिंह उर्फ ​​संपत्ता है, जिसकी उम्र 60 साल है। पुलिस ने उस पर भी 14 लाख का इनाम रखा है। वो 1991 से सक्रिय है। उस पर करीब 60 मामले दर्ज हैं। राम सिंह उर्फ ​​संपत्ता को 2000 में गिरफ्तार किया गया था लेकिन 2004 में उसे छोड़ दिया गया था।

तीन नक्सली को पकड़ने में 70 करोड़ रुपए खर्च

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन तीनों नक्सलियों को पकड़ने के लिए सालाना 70 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। यह खर्च नक्सल इलाकों में कैंप, हथियार, वाहन, पेट्रोलिंग, ट्रेनिंग, डीजल-पेट्रोल, बिजली-पानी आदि पर होता है। मुखबिरों का खर्च भी इसमें शामिल है। सीआरपीएफ की 3 बटालियन और दूसरे बलों के वेतन और भर्तियों पर होने वाला खर्च अलग है।

FAQ

मध्य प्रदेश में कितने नक्सली सक्रिय हैं?
मध्य प्रदेश में तीन नक्सली सक्रिय हैं, जो बालाघाट और मंडला जिलों में छिपे हुए हैं।
इन नक्सलियों को पकड़ने के लिए कितने सुरक्षा बल तैनात हैं?
इन तीन नक्सलियों को पकड़ने के लिए 7,500 से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात हैं, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की तीन बटालियन भी शामिल हैं।
ये तीन नक्सली कौन हैं?
दीपक उर्फ सुधाकर (50 वर्ष, 29 लाख का इनाम) संगीता उर्फ सेवंती पंद्रे (38 वर्ष, 14 लाख का इनाम) राम सिंह उर्फ संपत्ता (60 वर्ष, 14 लाख का इनाम)
इन नक्सलियों को पकड़ने में कितनी लागत आ रही है?
इन नक्सलियों को पकड़ने में सालाना लगभग 70 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, जो कैंप, हथियार, वाहन, पेट्रोलिंग, डीजल-पेट्रोल, बिजली-पानी, और मुखबिरों के खर्च पर लगते हैं।

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