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मध्यप्रदेश के उमरिया जिले की करकेली पंचायत की बैठक में सीईओ ने 3 पंचायतों के सचिवों की निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं जिला पंचायत के सीईओ अभय सिंह ओहरिया ने 20 ग्राम सहायकों और 16 ग्राम सचिवों की 7 दिन की सैलरी भी काटी है। जिले में सरकारी कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं साथ ही विकास कार्यों में लापरवाही भी की जा रही है। ऐसा ही मामला करकेली जनपद पंचायत की बैठक में सामने आया। जब सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह ओहरिया ने जनपद पंचायत की बैठक ली तो 39 ग्राम पंचायतों की पोल खुल गई।
घोर लापरवाही पर किया गया निलंबित
जिला पंचायत के सीईओ अभय सिंह ओहरिया ने बताया कि जनपद पंचायत करकेली की समीक्षा बैठक में पंचायत कर्मियों की घोर लापरवाही सामने आई है। 3 पंचायतों के सचिवों को बैठक से लगातार अनुपस्थित रहने और विकास कार्यों में रुचि न लेने के कारण निलंबित कर दिया गया है। वहीं 20 रोजगार सहायकों और 16 ग्राम सचिवों के विकास कार्यों में रुचि नहीं लेने और लापरवाही बरतने पर उनके वेतन से 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
इन पंचायत सचिवों पर गिरी गाज
जिला पंचायत सीईओ ने जिन पंचायत सचिवों को निलंबित किया है उनमें ग्राम पंचायत घुलघुली का सचिव भगवान दीन बैगा, ग्राम पंचायत बरही की सचिव मीना तिवारी और ग्राम पंचायत देवरी मजरा के सचिव संतोष तिवारी शामिल हैं। निलंबन के समय के दौरान सभी का कार्यालय जनपद पंचायत करकेली रहेगाी वहीं सभी को जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता रहेगी।
सीईओ ने आगे के लिए दी चेतावनी
जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि जहां से भी किसी के बारे में लापरवाही और मनमानी की शिकायत मिलेगी। बैठक के दौरान भी ऐसे मामले आएंगे तो ऐसी ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिले में इस तरह की बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है, इससे पूरे जिले में हलचल मच गई है।
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