मध्यप्रदेश में आयुष्मान योजना का लाभ करीब 48 लाख बुजुर्गों को मिलेगा। बताया गया है कि प्रदेश में 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा इंदौर में और सबसे कम निवाड़ी जिले में है। वहीं जानकारी के अनुसार नवगठित मैहर, मऊगंज और पांढुर्ना में बुजुर्गों की संख्या निवाड़ी से ज्यादा है। आयुष्मान योजना के तहत नए बुजुर्गों के नाम जोड़ने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। इस योजना के लिए प्रदेश के करीब 1048 अस्पताल सूचीबद्ध किए गए हैं, जिनमें 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का उपचार किया जाएगा।
सभी कलेक्टरों को जारी किए गए निर्देश
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में 70 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए हर साल पांच लाख रुपए तक इलाज की सुविधा देने के फैसले के बाद अब राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि आयुष्मान योजना के लिए पात्रता का निर्धारण आधार कार्ड में दर्ज उम्र के आधार पर ही किया जाएगा। इसके रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड और समग्र फैमिली आईडी की जरूरत होगी। पात्र वरिष्ठ नागरिकों को एबी पीएम-जेएवाय के अंतर्गत एक नया विशिष्ट कार्ड जारी किया जाएगा। जो पहले से ही इस योजना में कवर हैं, उन्हें अपने लिए पांच लाख रुपए तक की वार्षिक टॉप अप कवरेज मिलेगी। इसे वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों के लिए साझा नहीं कर पाएंगे।
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इन्हें मिलेगा एक ही मौका
इस योजना के निर्देश में कहा गया है कि ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो 70 साल या उससे अधिक उम्र के हैं और केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना, पूर्व सैनिक अस्थायी स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स जैसी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। वह अपनी मौजूदा योजना या आयुष्मान भारत पीएम जेएवाय में से किसी एक को चुन सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक ही मौका मिलेगा। यह भी बताया गया है कि जो वरिष्ठ नागरिक निजी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं या कर्मचारी राज्य बीमा योजना के अंतर्गत आते हैं, वह भी पीएम जेएवाय के अंतर्गत लाभ प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश में कुल 38 लाख 60 हजार 606 परिवारों के 47 लाख 91 हजार 400 लोग लाभ ले रहे हैं।
एक हफ्ते में करें कार्रवाई : सचिव
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने जारी आदेश में कहा है कि, वर्तमान में कुल 1048 अस्पताल इसके लिए संबद्ध किए गए हैं और उपचार के लिए 1952 प्रकार के प्रोसीजर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यों की दैनिक समीक्षा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सीएमएचओ और ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर करेंगे और साप्ताहिक समीक्षा कलेक्टर द्वारा की जाएगी। प्रमुख सचिव ने एक हफ्ते में कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
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एमपी के किन जिलों में कितने बुजुर्ग
लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई सूची में इंदौर में 70 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या 3 लाख 90 हजार 487 है। वहीं सबसे कम बुजुर्ग निवाड़ी जिले में 25 हजार 964 हैं। नवगठित जिले पांढुर्ना में 26 हजार 78, मैहर में 47 हजार 715 और मऊगंज में 51 हजार 865 बुजुर्ग 70 साल से अधिक आयु के हैं। इसके अलावा भोपाल में 2 लाख 8 हजार 999, सतना में एक लाख 12 हजार 720, राजगढ़ में एक लाख 10 हजार 161, देवास में एक लाख 3 हजार 729, खरगोन में एक लाख 1 हजार 480, ग्वालियर में 1 लाख 91 हजार 963, सागर में एक लाख 49 हजार 789, रीवा में एक लाख 47 हजार 242, जबलपुर में एक लाख 88 हजार 490, उज्जैन में एक लाख 58 हजार 551, भिंड में एक लाख 31हजार 934, छतरपुर में 1 लाख 26 हजार 620, मुरैना में 1 लाख 20 हजार 825 और रतलाम में 1 लाख 969 हैं।
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