भोपाल में एक 6 साल की बच्ची के लापता होने का मामला अब गंभीर मोड़ ले चुका है। 18 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। इस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। आयोग का कहना है कि ये सिर्फ एक बच्ची की गुमशुदगी का मामला नहीं, बल्कि मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
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क्या है पूरा मामला...
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भोपाल के कोह-ए-फिजा इलाके में एक अंडरब्रिज के पास से ये बच्ची गायब हुई थी। बच्ची की मां बेघर है और उसके आठ बच्चे हैं। मां का आरोप है कि इसमें एक रिश्तेदार का हाथ हो सकता है, लेकिन पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही। अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। NHRC ने इस खबर का खुद संज्ञान लिया और इसे गंभीरता से लिया।
पुलिस और सिस्टम पर सवाल...
आयोग ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में सीसीटीवी नेटवर्क ठीक से काम नहीं कर रहा। क्विक रिस्पॉन्स टीम भी ढीली पड़ रही है और पुलिस की अलग-अलग इकाइयों में तालमेल की कमी है। इतना ही नहीं, लापता बच्चों को ढूंढने के लिए शुरू किया गया 'ऑपरेशन मुस्कान' भी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन साल में मध्य प्रदेश में 3400 से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां लापता हुई हैं। ये आंकड़ा अपने आप में सिस्टम की नाकामी बयान करता है।
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NHRC ने क्या किया...
NHRC ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और DGP को दो हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। आयोग का कहना है कि अगर मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं, तो ये मामला मानवाधिकारों के लिए बड़ा खतरा है। तुरंत एक्शन लेने की जरूरत है।
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अब आगे क्या ...
ये मामला अब सिर्फ एक बच्ची तक सीमित नहीं है। ये पूरे सिस्टम पर सवाल उठा रहा है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि NHRC की सख्ती के बाद पुलिस और सरकार कुछ ठोस कदम उठाएगी, ताकि बच्ची का पता लगे और भविष्य में ऐसे मामले कम हों।