मध्य प्रदेश के बुरहानपुर ( Burhanpur ) में रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर ब्लास्ट मामले में साबिर नामक एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। साबिर पर रेलवे ट्रैक पर 10 डेटोनेटर प्लांट करने का आरोप है। आरोपी साबिर, रेलवे का ही कर्मचारी है। अब इस मामले में आरोपी ने कई खुलासे किए हैं। उसने आरपीएफ को बताया है कि उसने ऐसा क्यों किया। आपको बता दें कि इस मामले की जांच एनआईए ( NIA ), एटीएस, आरपीएफ और रेल मंत्रालय कर रहा है।
स्निफर डॉग की मदद से पकड़ाया आरोपी
आरपीएफ ने 19 सितंबर को इस मामले में जांच शुरू की और घटनास्थल से कुछ सही सलामत डेटोनेटर भी जब्त किए। जांच के बाद ये पाया गया कि जिन डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया था, वह रेलवे के ही थे। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ स्वप्निल नीला का कहना है कि जो डेटोनेटर बरामद हुए हैं, उनका इस्तेमाल रेलवे खुद करता है। जिस जगह पर डेटोनेटर रखे गए थे, वहां पर रखने का कोई औचित्य नहीं था।
उनका कहना है कि डेटोनेटर तेज आवाज करते हैं। इनका इस्तेमाल अक्सर कोहरे में और ऐसी स्थिति में किया जाता है, जब ट्रेन को तय समय से पहले आपातकालीन स्थिति में रोकना पड़ता है। ऐसी स्थिति में जिस जगह पर ट्रेन रोकनी होती है, उससे करीब 1200 मीटर पहले तीन स्टेज पर तीन डेटोनेटर रखे जाते हैं। ये लोको पायलट को अलर्ट करने के लिए होता है।
यहां ऐसी कोई परिस्थिति न होने के कारण जांच के दौरान शक हुआ कि ये किसी की साजिश थी या शरारत। घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी या कोई प्रत्यक्षदर्शी न होने के कारण आरोपी का पता लगाना मुश्किल था। ऐसे में आरपीएफ ने स्निफर डॉग 'जेम्स' की मदद ली। 'जेम्स' घटनास्थल पर छोड़ा गया। वह वहां से 12 किलोमीटर चलकर डोंगरगांव पहुंचा। आपको बता दें कि सागफाटा जहां घटना हुई, वहां से डोंगरगांव की सीधी दूरी 8 किमी ही है। जानकारी के मुताबिक, इस दौरान 'जेम्स' ने वही रास्ता चुना था, जिससे होकर डेटोनेटर लगाने वाला आरोपी निकला था।
इसके बाद जो हुआ उसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। 'जेम्स' डोंगरगांव में आरोपी साबिर के पास जाकर बैठ गया, जो रेलवे में ही काम करता है। साबिर का कहना है कि वह 18 सितंबर को छुट्टी पर था। आपको बता दें कि साबिर को 25 सितंबर को कोर्ट में पेश किया गया था और 5 दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग की गई था। कोर्ट ने आरोपी की रिमांड बढ़ा दी है।
आरोपी का कुबूलनामा
आरोपी ने पूछताछ में आरपीएफ को बताया कि उसने ऐसा सेक्शन इंजीनियर को फंसाने के लिए किया था और इसी कराण उसने डेटोनेटर चुराए थे। आरपीएफ खंडवा के प्रभारी ने बताया ने बताया कि आरोपी साबिर ने अब तक यही बताया कि उसे सीनियर सेक्शन इंजीनियर जानबूझकर परेशान करते थे और उसकी ड्यूटी इस तरह लगाते थे जिससे उस परेशानी हो। आरोपी का कहना है कि इसी कारण से उसने इंजीनियर की देखरेख में रखे गए डेटोनेटर के डिब्बे चुरा लिया था।
प्रतिबंधित संगठन सिमी के गढ़ से है आरोपी
बताया जा रहा है कि आरोपी की इन बातों पर आरपीएफ को यकीन नहीं हो रहा है, क्योंकि वह खंडवा की गुलमोहर कॉलोनी का रहने वाला है। गुलमोहर कॉलोनी का इलाका प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का गढ़ माना जाता है। आपको बता दें कि इस मामले की जांच एनआईए ( NIA ), एटीएस, आरपीएफ और रेल मंत्रालय कर रहा है।
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