संजय शर्मा, BHOPAL. बीएसपी की लोकसभा उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद शुक्रवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने शुक्रवार, 22 मार्च को 10 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। गोंगपा ने भी बीएसपी की तरह बीजेपी ( BJP ) को झटका दिया है। सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम बीजेपी से नाता तोड़ने वाले राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह का है। टिकट न मिलने से अजय प्रताप नाराज थे। उनके जाने के साथ ही विंध्य क्षेत्र में बीजेपी को सतना के बाद सीधी में भी दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि अजय प्रताप सीधी में तो पूर्व बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी अब बीएसपी में शामिल होकर सतना से मैदान में हैं।
महाकौशल-विंध्य और बुंदेलखंड में सक्रिय हैं गोंगपा
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। इस सभी सीटें महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखंड अंचल की हैं जहां गोंगपा का पहले से ही नेटवर्क है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में भी इन क्षेत्रों से पार्टी मेंडेट पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। पार्टी द्वारा जारी की गई सूची में सीधी से पूर्व राज्यसभा सांसद अजयप्रताप सिंह, मंडला से महेश कुमार बट्टी, शहडोल से तेज प्रताप उईके, बालाघाट से नंदलाल उईके, छिंदवाड़ा से देवरावेन भलावी, रीवा से कमलेश मिश्रा, दमोह से राजेश सिंह सोयाम, खंडवा से आशाराम भावसार, सागर से अशोक बंसल, जबलपुर से गोलू अंसारी के नामों की घोषणा की गई है। इनमें रीवा, सीधी, शहडोल विंध्य अंचल, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर महाकौशल, सागर और दमोह बुंदेलखंड और खंडवा निमाड़ की लोकसभा सीट है।
सतना में त्रिपाठी के आने से त्रिकोणीय मुकाबला
अपनी सूची जारी होने के बाद से बीजेपी, विंध्य अंचल की लोकसभा सीटों पर जीत के प्रति काफी आश्वस्त नजर आ रही थी। बीते दिन मैहर से पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी को बीएसपी द्वारा सतना से उम्मीदवार बनाने से यहां से बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान सांसद गणेश सिंह की परेशानी बढ़ गई है। गणेश सिंह चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाह से हार गए थे। अब लोकसभा सीट के लिए होने वाले चुनाव में सिद्धार्थ ही कांग्रेस के टिकट पर उनके सामने हैं, वहीं नारायण त्रिपाठी भी मैदान में उतर आए हैं। इससे उनका संकट दोहरा हो गया है।
गोंगपा के टिकट पर अजय बने बीजेपी की उलझन
लोकसभा का टिकट न मिलने से नाराज चल रहे बीजेपी के राज्यसभा सांसद अजय प्रताप ने गोंगपा का दामन थाम लिया है। इसकी सुगबुगाहट पहले से ही चल रही थी लेकिन शुक्रवार को गोंगपा द्वारा जारी 10 प्रत्याशियों की सूची ने अटकल को सही साबित कर दिया है। अजय प्रताप विंध्य के जाने पहचाने नेता हैं और इसी वजह से पिछली बार बीजेपी ने राज्यसभा भेजा था। वे लोकसभा के लिए दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पहली सूची में सीधी से टिकट न मिलने से नाराज होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। वे अब गोंगपा के टिकट पर मैदान में हैं। उनके मुकाबले में उतरने से बीजेपी के डॉ.राजेश मिश्रा की जीत की राह कठिन हो गई है। वहीं मुकाबला कैसा होगा यह कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान में आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
जातीय समीकरण में भी सेंध लगाने की रणनीति
गोंडवाना पार्टी ने जबलपुर से गोलू अंसारी को टिकट दिया है, शहरी क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों को अंसारी प्रभावित कर सकते हैं। वहीं शहडोल, छिंदवाड़ा, मंडला और बालाघाट में आदिवासी मतदाताओं की संख्या काफी है। यहां गोंडवाना पार्टी भी बहुत सक्रिय है और गांव-गांव तक उसका नेटवर्क है। सागर में अनुसूचित जाति के बड़े वोट बैंक को साधने गोंगपा ने यहां से अशोक बंसल को मैदान में उतारा है। रीवा में ब्राह्मण वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए गोंगपा के टिकट पर कमलेश मिश्रा मैदान में हैं।