PSC के बाद अब दो और विरोध की तैयारी, महिलाएं करेंगी केश त्याग

मप्र में करीब 90 घंटे का सतत चला मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, आंदोलन खत्म ही हुआ और अब दो नए आंदोलन की तैयारी में युवा जुट गए हैं।

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Sanjay Gupta
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मप्र में करीब 90 घंटे का सतत चला मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, आंदोलन अभी खत्म ही हुआ और अब दो नए आंदोलन की तैयारी में युवा जुट गए हैं। एक आंदोलन मप्र वर्ग शिक्षक भर्ती 2023 से जुड़ा हुआ है तो दूसरा 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण का है।

पहला आंदोलन- 23 दिसंबर लाड़ली बहनाओं का केश त्याग

मप्र शिक्षक वर्ग भर्ती 2023 को लेकर लंबे समय से वेंटिग अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं और कई बार भोपाल की सड़कों पर उतर चुके हैं। इनकी मांग है कि पदों में बढ़ोतरी की जाए, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी मिले। वहीं कम पदों के कारण अभी 80-85 फीसदी अंक वालों को भी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है। अब इस आंदोलन के तहत 23 दिसंबर को भोपाल में लाड़ली बहनाओं के नेतृत्व में दंडवत पदयात्रा और महिला केश त्याग आंदोलन होगा। इसमें महिला वेटिंग उम्मीदवार केश त्याग करेंगी। युवाओं की मांग 16 विषयों में 20 हजार पद बढ़ाने की है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि यह पद रिक्त है, जो मप्र शासन के पोर्टल में ही नजर आ रहा है। 

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दूसरा आंदोलन 29 दिसंबर- ओबीसी अधिकार यात्रा

वहीं दूसरा आंदोलन ओबीसी अधिकार यात्रा का है जो 29 दिसंबर को सुबह नौ बजे से महू बाबा भीम राव आंबेडकर की जन्मस्थली से निकलेगी और 3 जनवरी को भोपाल पहुंचेगी। यह ओबीसी महासभा द्वारा बुलाई गई है। इसमें मांग है कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण जिसका एक्ट पास हो गया वह दिया जाए। महासभा का कहना है कि सरकार ने मुद्दा सुलझाने की जगह ओबीसी वालों को 87-13 फीसदी के फेर में उलझा दिया, हमारा हक मारा गया है। यह रुके हुए 13 फीसदी पद हमारे ओबीसी के हैं, इन पर तत्काल भर्ती की जाए। महाधिवक्ता प्रशांत सिंह भी केस को आगे बढ़ाए जा रहे हैं और पैरवी नहीं कर रहे हैं। सरकार मप्र में 54 फीसदी ओबीसी समाज को 27 फीसदी भी आरक्षण नहीं देना चाहती है। 

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क्या चल रहा है 27 फीसदी आरक्षण पर

साल 2019 में 27 फीसदी आरक्षण का कमलनाथ सरकार के समय एक्ट पास हुआ। बाद में मामला हाईकोर्ट गया और वहां से अतंरिम आदेश हुए कि 14 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर ही भर्ती की जाए। इसके बाद सितंबर 2022 में तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने 87-13 फीसदी लागू कर दिया, इसमें हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत 14 फीसदी आरक्षण के साथ भर्ती शुरू की। हालांकि, 13 फीसदी पद पर प्रोविजनल भर्ती करते हुए होल्ड में डाल दिया। इसमें 13 फीसदी ओबीसी के साथ अनारक्षित को चुना गया, जिसके हक में कोर्ट से फैसला आएगा उन्हें यह 13 फीसदी पद दे दिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में अभी केस डायरी नंबर ही नहीं आया, वहां कब सुनवाई होगी तय नहीं है। वहीं हाईकोर्ट ने 87-13 फीसदी को लेकर 20 जनवरी को सुनवाई रखी है। हाईकोर्ट में विविध केस में मप्र सरकार कह चुकी है कि हम 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण देना चाहते हैं लेकिन हमारे नोटिफिकेशन पर हाईकोर्ट की ही रोक है। यह मामला अभी कोर्ट में उलझा हुआ है।

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