पीएम आवास योजना में रिश्वत लेते पकड़ा गया कर्मचारी, हजारों रुपए की थी डिमांड, DSP लोकायुक्त ने धर दबोचा

आगर मालवा जिले के कंवराखेड़ी पंचायत के रोजगार सहायक 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। वह लोकायुक्त के जाल में फंस गया। प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।

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Dablu Kumar
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आगर मालवा जिले के कंवराखेड़ी पंचायत के रोजगार सहायक भगवान सिंह सोंधिया को लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। यह घटना शनिचरी अमावस्या के दिन उज्जैन में हुई। जब रोजगार सहायक स्नान और शनि मंदिर में पूजा करने के लिए आया था। पूजा के बाद फरियादी से उसने मंदिर में ही रिश्वत की मांग की। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने मौके पर उसे 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

रिश्वत लेते ही डीएसपी ने दबोचा

लोकायुक्त डीएसपी दिनेश चंद्र पटेल ने बताया कि जैसे ही भगवान सिंह ने रिश्वत ली। पास खड़े लोकायुक्त टीम के डीएसपी ने आरोपी से पूछा- क्या रुपए गिन लिए, बराबर तो हैं ना? इस पर आरोपी ने जवाब दिया- हां, बराबर हैं। इसके बाद उसे तुरंत गिरफ्तार कर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस ले जाया गया। जहां आगे की कानूनी कार्रवाई की गई।

रिश्वत लेते पकड़ा गया रोजगार सहायक वाली खबर पर नजर 

Ujjain: शनि मंदिर में दर्शन के बाद रिश्वत लेते पकड़ा गया रोजगार सहायक, PM  आवास योजना की किस्त के लिए मांगा था घूस

  • आगर मालवा जिले के कंवराखेड़ी पंचायत के रोजगार सहायक भगवान सिंह सोंधिया को लोकायुक्त ने उज्जैन में 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा।
  • फरियादी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगली किस्त के लिए रोजगार सहायक से रिश्वत की मांग की थी, जिसमें 15,000 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।
  • लोकायुक्त टीम ने फरियादी के साथ मिलकर ट्रैप योजना बनाई और शनिचरी अमावस्या के दिन उज्जैन में कार्रवाई की।
  • रिश्वत लेते हुए भगवान सिंह से पूछताछ के दौरान लोकायुक्त के डीएसपी ने उससे पुष्टि की कि रुपए गिन लिए हैं और उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
  • लोकायुक्त ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी जीत बताते हुए कहा कि सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेने की आदत से छुटकारा पाना होगा।

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पीएम आवास योजना में रिश्वत की मांग

लोकायुक्त के अधिकारियों ने बताया कि यह मामला प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ा था। कंवराखेड़ी पंचायत के निवासी राजेश दांगी ने उज्जैन लोकायुक्त एसपी से शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि उनके भाई बालचंद दांगी के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ था। इस योजना के तहत पहले 25 हजार रुपए की पहली किस्त मिल चुकी थी। अब अगली किस्त 40 हजार रुपए जारी करने के लिए रोजगार सहायक भगवान सिंह सोंधिया ने 15 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी।

टैप जाल में फंसा रोजगार सहायक

फरियादी राजेश दांगी ने बताया कि उनके भाई को आवास की अगली किस्त का भुगतान रोक दिया गया था। उन्होंने लोकायुक्त से संपर्क किया और मामले की जानकारी दी। इसके बाद लोकायुक्त ने ट्रैप योजना बनाई और शनिवार को उज्जैन में कार्रवाई शुरू की। राजेश दांगी ने भगवान सिंह से संपर्क किया और कहा कि वह भी महाकाल मंदिर दर्शन करने जा रहे हैं। इस पर भगवान सिंह ने शनि मंदिर में ही रिश्वत के पैसे लेने की बात स्वीकार कर ली।

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मंदिर में रंगे हाथ पकड़ाया, कार्रवाई जारी

लोकायुक्त की टीम ने मंदिर में भगवान सिंह को रिश्वत लेते हुए पकड़ा। उसके बाद उसे पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस ले जाया गया। जहां कार्रवाई जारी रही। लोकायुक्त के अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक बड़ी जीत है और यह संदेश देती है कि सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेने की आदत से छुटकारा पाना होगा।

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आगर मालवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम जारी

आगर मालवा जिले में यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लोकायुक्त की मुहिम का हिस्सा है। लोकायुक्त के अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वे हर स्तर पर भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कदम उठा रहे हैं।

FAQ

रोजगार सहायक भगवान सिंह ने फरियादी राजेश दांगी से रिश्वत क्यों मांगी?
प्रधानमंत्री आवास योजना में किस्त की राशि जारी करने के लिए रोजगार सहायक भगवान सिंह ने फरियादी से रिश्वत मांगी थी। इसके बदले उसने अगले चरण की किस्त को जारी करने का आश्वासन दिया था।
लोकायुक्त ने कैसे भगवान सिंह को गिरफ्तार किया?
लोकायुक्त ने एक ट्रैप योजना बनाई, जिसमें फरियादी ने भगवान सिंह से रिश्वत लेने की योजना बनाई थी। भगवान सिंह ने शनि मंदिर में ही रिश्वत की राशि स्वीकार की, जिसे लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा।
रिश्वत वाली घटना के बाद लोकायुक्त क्या कदम उठाएगा?
रिश्वत वाली घटना के बाद लोकायुक्त ने रोजगार सहायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। भविष्य में भी ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि भ्रष्टाचार को रोका जा सके।

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