MP NEWS: अग्निवीर योजना, जिसे 2022 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य भारतीय सेना को युवा और ऊर्जावान बनाना था। हालांकि, ग्वालियर संभाग में इसके परिणाम विपरीत रहे हैं। सेना भर्ती में युवाओं की संख्या में 68% की कमी आई है, जबकि मैदान में तैयारी करने वाले युवाओं की संख्या 80% तक घट गई है।
कई चयनित युवाओं ने जॉइनिंग नहीं दी, क्योंकि उन्हें चार साल बाद बेरोजगारी का डर है। इससे उनकी निजी जिंदगी भी प्रभावित हो रही है, जैसे कि शादी के रिश्ते कम आना। विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना की समीक्षा आवश्यक है, क्योंकि चार साल बाद केवल 25% युवाओं को स्थायी किया जाता है, जो कि अपर्याप्त है। प्रशिक्षकों का कहना है कि पहले 800-900 युवाओं के बैच होते थे, अब यह संख्या घटकर 149 तक पहुंच गई है।
अग्निवीर योजना साल 2022
अग्निवीर योजना को 2022 में भारतीय सेना में युवाओं की भर्ती प्रक्रिया में सुधार और उन्हें ऊर्जावान बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के तहत युवाओं को चार साल के अनुबंध पर सेना में भर्ती किया जाता है, जिसमें से केवल 25% को स्थायी किया जाता है।
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ग्वालियर संभाग में भर्ती में गिरावट
ग्वालियर संभाग में सेना भर्ती में युवाओं की संख्या में 68% की कमी आई है। मैदान में तैयारी करने वाले युवाओं की संख्या भी 80% तक घट गई है, जो कि योजना की सफलता पर सवाल उठाता है।
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युवाओं की चिंता
कई चयनित युवाओं ने जॉइनिंग नहीं दी, क्योंकि उन्हें चार साल बाद बेरोजगारी का डर है। इससे उनकी निजी जिंदगी भी प्रभावित हो रही है, जैसे कि शादी के रिश्ते कम आना। पहले सेना में भर्ती होते ही रिश्ते आने लगते थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
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भर्ती प्रक्रिया में बदलाव
प्रशिक्षकों का कहना है कि पहले 800-900 युवाओं के बैच होते थे, अब यह संख्या घटकर 149 तक पहुंच गई है। भर्ती प्रक्रिया में बदलाव और युवाओं की घटती रुचि से यह स्पष्ट होता है कि योजना में सुधार की आवश्यकता है।
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भविष्य की दिशा और सुझाव
युवाओं की बढ़ती चिंता और घटती रुचि को देखते हुए, सरकार को इस योजना की समीक्षा करनी चाहिए और युवाओं के लिए स्थायी अवसरों की संख्या बढ़ानी चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और देश की सेवा में अपनी भूमिका निभा सकें।
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