AIIMS भोपाल में आएगी AI आधारित कैंसर स्क्रीनिंग मशीन, कम खर्च में तेजी से मिलेगा सटीक इलाज

AIIMS भोपाल में अब कैंसर की जांच AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित मशीन स्थापित की जाएगी। इसका उद्देश्य कैंसर की पहचान को अधिक सटीक, त्वरित और सुलभ बनाना है। इस मशीन से कैंसर की पहचान जल्द से जल्द की जा सकेगी। 

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Vikram Jain
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AIIMS Bhopal will be tested with AI based cancer screening machine
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राजधानी भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अब कैंसर की जांच AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित मशीनों से की जाएगी। जल्द ही एम्स में एक एआई आधारित कैंसर स्क्रीनिंग मशीन (cancer screening machine) स्थापित की जाएगी। इस मशीन की लागत करीब 40 लाख रुपए है और इसका उद्देश्य कैंसर की पहचान को अधिक सटीक, त्वरित और सुलभ बनाना है। इस मशीन से कैंसर की पहचान जल्द से जल्द की जा सकेगी। 

सटीक और तेजी से होगी कैंसर की पहचान

कैंसर की जांच में एआई तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह बिना लक्षण वाले मरीजों में भी प्रारंभिक चरण में कैंसर का निदान कर सकेगी। इसके द्वारा कैंसर की पहचान पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक सटीक और तेज होगी, जिससे मरीजों का इलाज जल्दी शुरू किया जा सकेगा। इस तकनीक से विशेष रूप से दूर-दराज और पिछड़े इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा मिलेगा क्योंकि इसे अधिक सुलभ और किफायती तरीके से लागू किया जा सकेगा।

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कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक, प्रो. अजय सिंह का कहना है कि इस तकनीक से कैंसर की स्क्रीनिंग को तेज और अधिक सुलभ बनाकर, हम दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों की जान बचा सकते हैं। एआई तकनीक न केवल कैंसर की शुरुआत में पहचान में मदद करेगी, बल्कि यह कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को भी कम करने में सहायक होगी। इसके द्वारा किए गए निदान की सटीकता से इलाज शुरू होने में देरी नहीं होगी, और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य मिलेगा।

स्क्रीनिंग पर रहेगा फोकस

इस तकनीक का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर की प्रारंभिक स्क्रीनिंग पर फोकस करना होगा। एआई आधारित मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके आनुवांशिकी और जीवनशैली के आधार पर कैंसर के जोखिम का अनुमान भी लगाएगी। इसके माध्यम से कैंसर की पहचान में और अधिक व्यापकता और सटीकता आएगी। यह मशीन करीब 40 लाख रुपए की लागत से खरीदी जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस तकनीक को अपनाने से कैंसर के मामलों को समय रहते रोक सकते है। और मरीजों को लंबी और स्वस्थ जीवन देने में मदद मिलेगी।

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एम्स आएंगी नई मशीनें 

आप्टास्कैन अल्ट्रा - यह मशीन बड़ी लैब के लिए उपयुक्त है। यह मशीन एक बार में 80 से 480 स्लाइड्स को स्कैन कर सकती है।

आप्टास्कैन लाइट - यह छोटी लैब के लिए तैयार की गई है और क्षमता 15 स्लाइड स्कैन करने की है।

महंगे सीटी स्कैन से मिलेगी राहत, खर्च होगा कम

इलाज में इस तकनीक के उपयोग से कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाले महंगे सीटी स्कैन और एमआरआई की आवश्यकता कम हो जाएगी। अंकोलाजी के प्रो. जगत आर. कंवर ने बताया कि एआई तकनीक के इस्तेमाल से से कैंसर का इलाज अधिक प्रभावी होगा। इससे इलाज का खर्च भी घटेगा और मरीजों को कम लागत में अधिक सटीक इलाज मिलेगा। इस एआई आधारित कैंसर स्क्रीनिंग तकनीक से कैंसर का इलाज अधिक सुलभ, किफायती और प्रभावी होगा। यह तकनीक रोगियों को बेहतर उपचार और तेज रिकवरी का अवसर प्रदान करेगी।

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