भोपाल के रहने वाले एक युवक को 5 साल बाद उपभोक्ता फोरम से इंसाफ मिला है। दरअसल एअर इंडिया ने फ्लाइट कैंसिल के बाद उसे रिफंड नहीं दिया था। फोरम ने एअर इंडिया को सेवा में लापरवाही के चलते दोषी माना और ग्राहक को ब्याज सहित पूरा किराया वापस करने का आदेश दिया है।
ब्याज सहित अदा करने होंगे रुपए
भोपाल जिला उपभोक्ता फोरम की बेंच-2 ने यह फैसला सुनाया है। आदेश में एअर इंडिया को टिकट के 22 हजार 908 रुपए, 7% सालाना ब्याज और 10 हजार मानसिक क्षतिपूर्ति, 5 हजार केस का खर्च चुकाने के निर्देश दिए हैं। यदि एअर इंडिया दो महीने में भुगतान नहीं करती तो 9% सालाना ब्याज भी देना होगा।
दो फ्लाइट बुकिंग हुईं कैंसिल
डॉक्टर रागित पी. राजेश ने यह केस दायर किया था। दरअसल उनके पिता राजेश पिल्लई ने दो टिकट बुक की थीं। पहली टिकट 18 अक्टूबर 2020 की पोर्ट ब्लेयर से कोलकाता और कोलकाता से दिल्ली की थी।
दूसरी टिकट: 17 नवंबर 2020 की तारीख मुंबई से पोर्ट ब्लेयर वाया चेन्नई की थी। इन दोनों टिकटों पर कुल 22 हजार 908 का भुगतान किया गया था। बाद में दोनों फ्लाइट कैंसिल हो गईं, लेकिन एअर इंडिया ने रिफंड देने के बजाय एक फर्जी रिफंड लेटर भेजकर मामला टालने की कोशिश की।
रिफंड का पैसा बैंक में नहीं आया
डॉक्टर रागित को 2 अक्टूबर को बताया गया कि 18 अक्टूबर की फ्लाइट रद्द हो चुकी है और वह 19 अक्टूबर को सुबह 6 बजे के लिए रीशेड्यूल की गई है। चूंकि अगली फ्लाइट पहले से ही बुक थी, उन्होंने टिकट रद्द कर रिफंड की मांग की।
हर बार मेल या कॉल के माध्यम से 2-4 दिन में पैसे मिलने का आश्वासन दिया गया। जब लंबे समय तक इंतजार के बाद भी पैसा नहीं आया, तो उन्होंने बैंक स्टेटमेंट चेक किया। उसमें कोई रिफंड नहीं दिखा।
एअर इंडिया फोरम में नहीं दे पाई कोई पुख्ता सफाई
उपभोक्ता फोरम में एअर इंडिया न तो रिफंड न देने की वजह बता पाई और न ही कोई दस्तावेजी साक्ष्य पेश कर सकी। दूसरी तरफ परिवादी पक्ष के पास टिकट, ईमेल कम्युनिकेशन, बैंक स्टेटमेंट समेत सभी जरूरी कागज मौजूद थे। फोरम ने इन साक्ष्यों को आधार मानते हुए माना कि सेवा में घोर लापरवाही हुई है।
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सालों से चली लड़ाई, अब जाकर मिला न्याय
परिवादिनी की ओर से अधिवक्ता विष्णु प्रसाद तिवारी ने बताया कि यह मामला वर्ष 2019 से लंबित था। एअर इंडिया ने स्वयं फ्लाइट कैंसिल की थी और रिफंड का भरोसा दिया था। कई महीनों तक लगातार मेल और कॉल के बावजूद जवाब नहीं मिला।
मजबूर होकर उपभोक्ता फोरम में याचिका दाखिल की गई। अब उपभोक्ता फोरम के फैसले के बाद एअर इंडिया को न केवल टिकट की राशि लौटानी होगी, बल्कि मानसिक क्षतिपूर्ति और कानूनी खर्च भी देना पड़ेगा।
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