अक्षय बम को लेकर कांग्रेस ने फिर लगाए पोस्टर- पूछा साइकिल से चलने वाला करोड़पति कैसे बना?

पेपर लीक कांड में अक्षय बम के कॉलेज पर कड़ी कार्रवाई न होने की वजह से कांग्रेस सड़क पर उतरेगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीएवीवी परिसर के अलावा रीगल चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, ई-रिक्शा, बसों पर पोस्टर लगाए हैं।

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Sanjay gupta
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अक्षय कांति बम भले ही कांग्रेस से बीजेपी में चले गए, लेकिन कांग्रेस उनका पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है। एक बार फिर कांग्रेस ने उनके खिलाफ पोस्टर लगा दिए हैं। इन पोस्टर में पूछा गया है कि साइकिल पर चलने वाला करोड़पति कैसे बना। कांग्रेसियों ने विरोध करते हुए सरकार से एमबीए पेपर लीक कांड में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। हाल ही में पुलिस ने आयडलिक कॉलेज के स्टाफ को DAVV के एमबीए के पेपर लीक में पकड़ा है। 

यूनिवर्सिटी के बाहर ही लगा दिए पोस्टर

शहर कांग्रेस द्वारा सोमवार सुबह विश्वविद्यालय पर हल्ला बोल पोल-खोलो अभियान की शुरुआत की गई। कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया और आरएनटी रोड स्थित यूनिवर्सिटी के नालंदा परिसर के बाहर अक्षय बम के पोस्टर लगाए। कांग्रेस शहर भर के कॉलेजों में ये अभियान चलाकर पेपर लिंक कांड पर अक्षय बम के कॉलेज पर कड़ी कार्रवाई न करने को लेकर विरोध करेगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीएवीवी परिसर के अलावा रीगल चौराहा, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, ई-रिक्शा, बसों पर यह पोस्टर लगाए हैं।

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शिक्षा को धंधा बनाने के बम पर आरोप

इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने आरोप लगाया कि शिक्षा को अवैध धंधा बनाने वाले शिक्षा माफिया के खिलाफ देवी अहिल्या विश्वविद्यालय पर काली पट्टी बांधकर हल्ला बोल पोल खोलो अभियान चलाया गया। आयडलिक कॉलेज के संचालक अक्षय बम साइकिल से कुछ ही वर्षों में करोड़पति कैसे बने? 15 लाख की घड़ी पहनने के साथ बड़ी लग्जरी गाड़ियों में चलने लगा। यादव ने कहा कि कॉलेज की मान्यता निरस्त नहीं करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन, कुलपति, कार्यपरिषद सदस्य, उच्च शिक्षा आयुक्त भी दोषी हैं।

कांग्रेस बोली- कुलपति, रजिस्ट्रार को हटाओ 

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पेपर लीक कांड को लेकर कांग्रेस नेता व पूर्व विधायकत रवि जोशी ने सोमवार को ही इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बम के कॉलेज में हुई अनियमितता को कहा कि कार्यपरिषद ने केवल 5 लाख की पेनल्टी लगाकर कॉलेज को दबाव में माफ किया। शासन ने उच्च शिक्षा आयुक्त को बैठख में भेजा था लेकिन इस पर कोई कड़ा फैसला ही नहीं लिया। पेपर लीक कांड में गिरफ्तारी होना चाहिए थी, इसमें सीधे-सीधे कॉलेज जिम्मेदार है लेकिन केवल मामूली स्टॉफ को पकड़कर मामला खत्म कर दिया गया। कांफ्रेंस में मृणाल पंत, पूर्व ईसी मेंबर अजय चौरडिया,  नेता निगम प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, युवा कांग्रेस विधि विभाग के जयेश गुरनानी, एनएसयूआई के शहराध्यक्ष रजत पटेल भी शामिल थे। उन्होंने इस पेपर लीक कांड में हजारों छात्रों का भविष्य खराब करने का आरोप लगाते हुए कुलपति और रजिस्ट्रार दोनों पर कार्रवाई कर हटाने की मांग की। 

विधानसभा में उठाएगी कांग्रेस पेपर लीक कांड 

वहीं कांग्रेस नेता तेजप्रकाश राणे ने बताया मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से चर्चा हो चुकी है। पेपर लीक कांड को विधानसभा में भी उठाया जाएगा। पूर्व ईसी मेंबर चौरडिया ने मुख्यमंत्री को चिट्‌ठी लिखकर मांग की है कि कुलपति और रजिस्ट्रार दोनों को  छुट्‌टी पर भेज मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

पिछले महीने आउट हुए थे दो पेपर

बता दें एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर का 25 और 28 मई को होने वाला पेपर लीक हो गया था। शिकायत के बाद देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिस पर बीजेपी नेता अक्षय बम के आयडलिक कॉलेज के कम्प्यूटर ऑपरेटर और दो छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कॉलेज प्रिंसिपल के रूम से कम्प्यूटर ऑपरेटर ने ही पेपर लीक किया था। इसके बाद जांच कर 5 लाख की पेनल्टी लगाई।

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