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MP News : कांग्रेस से लोकसभा चुनाव 2024 का टिकट पाए और नामांकन वापसी के दौरान अचानक नाम वापस लेकर बीजेपी में गए अक्षय बम की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बीजेपी में आने का भी अभी उन्हें सत्ता से फायदा होते नहीं दिख रहा है। अक्षय बम और उनके पिता कांतिलाल बम के खिलाफ 17 साल पुराने केस में हत्या के प्रयास की धारा में केस दर्ज करने के आदेश जिला कोर्ट ने दिए थे। अब इसमें सभी रिपोर्ट कोर्ट में आने के बाद इस मामले में हत्या के प्रयास के साथ अन्य गंभीर धाराओं में आरोप तय (चार्ज फ्रेम) हो गए हैं और अब इसमें ट्रायल शुरू होगा।
यह आरोप तय हुए हैं
अक्षय बम, पिता कांति बम और मनोज पिता कैलाश गुर्जर पर 307 (हत्या के प्रयास) धारा के साथ ही आईपीसी धारा 447, 148, 323, 506 जैसी धाराओं में चार्ज फ्रेम हुए हैं। बाईसवें अपर सत्र न्यायधीश विनोद कुमार शर्मा की कोर्ट में यह आदेश हुए हैं। इन धाराओं से बचने के लिए आरोपियों द्वारा कई तर्क दिए गए लेकिन सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोप तय कर दिए।
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18 साल पुराना है केस
यह केस चार अक्टूबर 2007 का यानी करीब 18 साल पुराना है। फरियादी यूनुस पटेल की कनाडिया बायपास की जमीन पर घटना हुई थी। इस जमीन के लिए कांति बम ने सौदा किया था, इसके लिए आंशिक राशि देकर 50 लाख देना को बोला। बाद में राशि नहीं दी। घटना वाले दिन 4 अक्टूबर 2007 को सुबह जब वह फसल की कटाई कर रहे थे, तभी कांतिलाल बम और पुत्र अक्षय बम अन्य सात-आठ लोगों को लेकर आए और कहा कि यह जमीन उनकी है। सोयाबीन फसल क्यों काट रहे हो। फिर उन्होंने लकड़ियों से नौकरों को पीटना शुरू कर दिया। फसल में आग लगा दी। उनका इलाज कराने के लिए फरियादी यूनुस अस्पताल गया, तभी फिर खबर मिली कि आरोपी फिर से जमीन पर कब्जा करने आ गए। वह साथी रिंकू के साथ खेत पर गया तो कांतिलाल बम, अक्षय बम, सुरक्षा गार्ड मनोज, सोनू बंदूक लेकर अन्य सात-आठ लोग आए। मुझे देखते ही कांतिलाल बम बोला कि यही यूनुस गुड्डा है। इसे गोली मारकर जान से खत्म कर दो। साथी रिंकू ने हाथ खींचकर उसे पीछे खींच लिया। इसके चलते गोली उसे नहीं लगी और वह बच गया। बाद में आरोपियों ने कहा कि आज तो बच गया, लेकिन आज के बाद खेत में आया तो जान से खत्म कर देंगे।
पुलिस ने पहले नहीं लगाई थी 307 धारा
इस मामले में पुलिस ने युनुस के बयान पर धारा 323, 294, 506, 147, 148 और 435 में केस दर्ज किया था, लेकिन 307 नहीं लगाई थी। इस पर 24 अप्रैल 2024 को कोर्ट ने पुलिस को 307 (हत्या के प्रयास) में भी केस दर्ज करने के आदेश दिए। अक्षय और कांति बम के खिलाफ वारंट भी जारी हुआ था, लेकिन इसमें वह पेश नहीं हुए, इसके बाद गिरफ्तारी की तलवार लटक गई थी, बाद में हाईकोर्ट से दोनों को राहत मिली थी। अब तीनों आरोपियों के खिलाफ ट्रायल होगा। इसमें एक आरोपी सोनू घटना के बाद से ही फरार है, तो वहीं अन्य आरोपी सतबीर की मौत हो चुकी है।
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लोकसभा चुनाव की वह चर्चित घटना, सेल्फी
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लोकसभा चुनाव इंदौर के दौरान अक्षय बम का बीजेपी में जाना सबसे चर्चित घटना थी। अक्षय बम को टिकट मिला और जोर-शोर से प्रचार शुरू किया। नाम वापसी के पहले भी उन्होंने रात को और फिर अलसुबह कांग्रेस नेताओं के साथ प्रचार किया। इसके बाद फोन बंद कर लिया और सुबह निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर आशीष सिंह के सामने पहुंच गए। इस दौरान विधायक रमेश मेंदोला, MIC मेंबर जीतू यादव व अन्य साथ थे। दो मिनट में नाम वापस लिया और नीचे आ गए। फिर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक फोटो ट्वीट की, जिसमें वह, बम और मेंदोला साथ में दिख रहे हैं। उसी दिन शाम को अक्षय बम ने बीजेपी दफ्तर में सीएम डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में बीजेपी ज्वाइन कर ली और चुनाव होने तक पूरे समय कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही रहे। कांग्रेस के पास कोई विकल्प ही नहीं बचा क्योंकि विकल्प में कोई उम्मीदवार ही नहीं था, आखिर में नोटा के लिए प्रचार किया और नोटा ने देश में लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोट पाकर इतिहास रचा।
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