गिरफ्तारी वारंट में अक्षय बम वोट डालने गए, पुलिस घर के बाहर पहरा दे रही है, बोले लॉ का स्टूडेंट हूं लॉ समझता हूं

अक्षय कांति बम और पिता कांति बम के खिलाफ 10 मई को जिला कोर्ट ने आदेश के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। लेकिन इस वारंट में पुलिस को समय दिया गया है कि वह 8 जुलाई तक उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें। 

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Pratibha ranaa
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Akshay Kanti Bamm
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संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस का हाथ छोड़कर ऐनवक्त पर बीजेपी में आकर इंदौर की राजनीति में बमकांड करने वाले अक्षय कांति बम ( Akshay Kanti Bam ) और उनके पिता कांति बम अब हत्या के प्रयास (307 धारा) के भी आरोपी है। यह 10 मई को कोर्ट में पेश नहीं हुए और इनके खिलाफ गिरफ्तार वारंट जारी हुआ। लेकिन पुलिस ने अभी गिरफ्तार नहीं किया है, अक्षय बम 13 मई को वोट डालने भी गए और वहीं पुलिस इनके घर के बाहर 29 अप्रैल के बाद से ही तैनात होकर सुरक्षा दे रही है। इस पूरी कहानी में क्या है लॉ और क्या बोल रहे अक्षय बम। 

क्या है गिरफ्तारी का नियम और कब होंगे गिरफ्तार

अक्षय कांति बम और पिता कांति बम के खिलाफ 10 मई को जिला कोर्ट ने आदेश के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। लेकिन इस वारंट में पुलिस को समय दिया गया है कि वह 8 जुलाई तक उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें। यानी पुलिस को यह छूट है कि वह उन्हें आज-कल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती है या 8 जुलाई को ही गिरफ्तार कर पेश होने की मौका दे सकती है। इस दौरान बम के पास पूरा मौका रहेगा फिर हाईकोर्ट में जाकर जमानत आवेदन लगाने का या फिर फरार होने का भी।

बम ने वोट डालने के बाद क्या रूआब दिखाया-

  • सवाल- वोटिंग कम हुई है आपके साथ छोड़ने से कांग्रेस अकेले रह गई इस कारण से?

    बम- साल 2019 में बीजेपी को 70 फीसदी ने वोट डाला था, इन 70 फीसदी का कैंडीडेट (बीजेपी) तो आज भी है। बाकी 13 प्रत्याशी तो अन्य है ही। 
  • सवाल- आरोप है कि आपके जाने से चुनाव एकतरफा हो गए

    बम- इंदौर को लोग जागरूक है, साफ सुथरा शहर है और बडी साफ राजनीति करता है। बीते वोटिंग के साथ। बीते वोटिंग जितना ही वोट गिरेंगे और बीजेपी के शंकर लालवान4 जी 11-12 लाख वोट से जीतेंगे।
  • सवाल- कांग्रेस के आरोप आपका वारंट निकला और पुलिस घर पर पहरा दे रही

    बम- यह न्यायिक प्रक्रिया है इसके लिए आपको कोर्ट से बात करना होगी, तीन दिन छुट्‌टी थी, मैं भागने वाला आदमी नहीं हूं, कानूनी प्रक्रिया पूरी करूंगा, मैं आज भी यहीं हूं और वोट डालने भी आया हूं।
  • सवाल- लेकन आप कोर्ट नहीं गए

    बम- यह सब प्रक्रिया है, सैशन कोर्ट, हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट मैं लॉ का स्टूडेंट हूं और लॉ को जानता हूं
  • सवाल- लेकिन इसके बाद भी आप कोर्ट नहीं गए और वारंट जारी हुआ

    बम- कोर्ट से मैंने निवेदन किया था कि चुनाव कार्य में व्यस्त हूं और अक्षय तृतीया के कार्यक्रम है इसमें व्यस्त हीं, एक दिन का समय मांगा था, उन्होंने वह आवेदन निरस्त किया इसके लिए वारंट जारी किया है। 

बम ने क्या कारण बताकर मांगी थी गैरहाजिरी

बम ने दरअसल कोर्ट में गैर हाजिरी के लिए चुनाव काम में व्यस्तता की कोई बात नहीं रखी थी। फरियादी के अधिवक्ता मुकेश देवल ने बताया कि उन्होंने पारिवारिक काम में व्यस्त होने का हवाला देकर गैर हाजिर होने की याचिका लगाई थी, वहीं उनके पिता ने हार्ट समस्या बताते हुए एक डॉक्टर का लैटर लगाया था कि दस दिन बैड रेस्ट है। इसलिए गैर हाजिर रहने दिया जाए। लेकिन कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर 8 जुलाई को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। 

बमकांड से बैकफुट पर आ चुकी है बीजेपी

बम केवल इसी मामले में नहीं उलझे हैं, धारा 307 के साथ ही कॉलेज की पूर्व फैकल्टी ने उनके दस्तावेज का गलत उपयोग कर यूनिवर्सिटी के लिए फर्जीवाड़ा कर गलत तरीके से मान्यता लेने पर भी कोर्ट में परिवाद दायर किया हुआ है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने भी परिवाद लगाया है जिसमें ऐनवक्त पर नामांकन वापस लेकर मतदाताओं के साथ धोखाधड़ी करने की बात कही गई है। वहीं इस बमकांड के बाद जिस तरह से शहर में आवाज उठी और नोटा को लेकर भी मुहिम चली इससे पूरी बीजेपी बैकफुट पर आ गई। हालत यह रही ही पीएम नरेंद्र मोदी ने इंदौर एयरपोर्ट पर नेताओं से पूछ लिया कि क्या यहां कम वोटिंग होगी। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर कई नेताओं को आगे बढ़कर प्रेस कांफ्रेंस कर इसका जवाब देना पड़ा।

बम क्या है, भागे हुए दूल्हे या खोटा सिक्का

वीडी शर्मा ने बम को खोटा सिक्का भी बताया। लेकिन इसका जवाब नहीं दे सके कि यह खोटा सिक्का उन्होंने क्यों लिया? उधर सीएम डॉ. मोहन यादव ने बम को कांग्रेस से भागा हुआ दूल्हा बता दिया। लेकिन इसका जवाब किसी के पास नहीं है कि कांग्रेस का भागा दूल्हा बीजेपी की बारात में कैसे आ गया? खुद कांग्रेस के पास जवाब नहीं है कि उनका उम्मीदवार लालच, दबाव या उनकी अंदरूनी राजनीति किसके कारण से हाथ छोड़कर गया। वहीं बम इसका कारण सनातन धर्म, राम मंदिर और कांग्रेस में नेताओं का सहयोग नहीं मिलना बता रहे हैं।

अक्षय कांति बम Akshay Kanti Bam