Allegation Of Bias Against MP Staff Selection Board
BHOPAL. मध्यप्रदेश में हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 ( MPTET-2023 ) में फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। पूरा मामला एक सवाल से जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से कई कैंडिडेट्स अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। परीक्षा की पहली शिफ्ट में इसी सवाल पर नंबर दिए गए, वहीं दूसरी शिफ्ट में इसे कैंसिल करके उम्मीदवारों को अपात्र घोषित कर दिया गया।
क्या था सवाल ?
उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 में बायोलॉजी विषय की शिफ्ट-1 ( Q.ID:2657261 ) में प्रश्न - पारा प्रदूषण के कारण ............ होती है ? इसका सही उत्तर मिनामाता रोग को माना गया। वहीं दूसरी शिफ्ट में ( Q.ID:2657236 ) में प्रश्न - मिनामाता रोग किसके विषैले प्रभाव के कारण होता है ? इसका सही उत्तर पारा न मानते हुए इस सवाल को ही रद्द कर दिया गया। ESB ने इसके हिंदी अनुवाद में गलती बताई, जबकि दोनों ही शिफ्ट में मिनीमाता रोग का हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद एक जैसा है।
सही है सवाल
मिनामाता (Minamata) रोग एक तंत्रिका संबंधी रोग है जो गंभीर पारा विषाक्तता के कारण होता है। मिनामाता रोग पहली बार 1956 में जापान के कुमामोटो प्रान्त के Minamata (मिनामाता) शहर में खोजा गया था , इसलिए इसका नाम मिनामाता (Minamata) रोग रखा गया।
ईएसबी की ग्रुप-2 (सब ग्रुप-3) स्वच्छता निरीक्षक, केमिस्ट एवं अन्य समतुल्य सीधी एवं बैकलॉग पद पर संयुक्त भर्ती परीक्षा-2022 में शिफ्ट-I में यही प्रश्न ( Q.ID:2633783 ) पूछा गया है और इस परीक्षा में मिनामाटा (Minamata) को सही माना गया है।
किताबों में इसका जवाब मिनामाता रोग ही लिखा हुआ है।
ESB पर पक्षपात के आरोप
ESB की अंतिम कुंजी के मुताबिक पहली शिफ्ट में मिनामाता वाला सवाल सही है और दूसरी शिफ्ट में इसे रद्द कर दिया गया। इस सवाल की वजह से अपात्र हुए उम्मीदवार ESB पर पक्षपात के आरोप लगा रहे हैं। परीक्षा में पहली शिफ्ट वालों को इस सवाल का फायदा मिला, वहीं दूसरी शिफ्ट वालों को नुकसान हुआ। शिफ्ट-2 के कई योग्य उम्मीदवार दशमलव में अंक मिलने के कारण अपात्र हो गए। वहीं जिन उम्मीदवारों को इसका उत्तर नहीं पता था, उन्हें सवाल रद्द होने की वजह से इसका फायदा मिल गया।
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न्याय की मांग कर रहे उम्मीदवार
शिक्षक पात्रता परीक्षा में इस सवाल की वजह से अयोग्य हुए कैंडिडेट्स न्याय की मांग कर रहे हैं। परीक्षा के बाद परीक्षार्थी सिर्फ अपना प्रश्न पत्र, प्रोविजनल और फाइनल आंसर देख सकता है। वहीं अन्य परीक्षार्थी और शिफ्ट के प्रश्न पत्र, प्रोविजनल और फाइनल आंसर का पता नहीं लगा सकता। जब तक उसके पास दूसरी शिफ्ट के परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र न हो। अब जब इस मामले का खुलासा हो गया है तो ESB के द्वारा बायोलॉजी विषय का रिवाइज रिजल्ट जारी कर उम्मीदवारों के साथ न्याय करना चाहिए।
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