मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील से MP में सियासत तेज, विधायक बोले क्या दुआ होगी कुबूल

क्फ संशोधन बिल 2025 के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने की अपील की है। इस पर एमपी में सियासत शुरू हो गई है।

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Rohit Sahu
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वक्फ संशोधन बिल 2025 के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की अपील पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों को किसी खतरे की जरूरत नहीं, लेकिन कुछ तथाकथित मुस्लिम नेता इसका राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईद के मौके पर खुश रहना चाहिए, मिठी ईद है मीठा खाओ मीठा बोलो...

AIMPLB की अपील पर सियासी घमासान

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन बिल 2025 के खिलाफ विरोध जताने के लिए रमजान के आखिरी जुमे यानी जुमातुल विदा पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने की अपील की है। इस अपील के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने AIMPLB पर निशाना साधते हुए इसे अनावश्यक मुद्दा बताया।

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का बयान

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर भोपाल की हुजूर सीट से विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि पता नहीं काली पट्टी बांधकर दुआएं कबूल होंगी या नहीं। ईद के मौके पर खुश रहना चाहिए, मिठी ईद है, मीठा खाओ और मीठा बोलो। भारत में मुसलमानों को किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है। मुस्लिम समाज की वक्फ की जमीनों पर कुछ बड़े मुस्लिम नेताओं का कब्जा है, जिससे गरीब मुस्लिमों को फायदा नहीं होता।भारत हमेशा हिंदुओं की भूमि थी, लेकिन यहां पर मुस्लिमों को मस्जिद बनाने की इजाजत दी गई।

AIMPLB ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा?

AIMPLB ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पत्र साझा करते हुए लिखा कि दिल्ली और पटना में हुए विरोध प्रदर्शनों से बीजेपी की सहयोगी पार्टियों में हलचल मच गई है। 29 मार्च को विजयवाड़ा में भी एक बड़ा प्रदर्शन होगा।वक्फ संशोधन बिल 2025 एक साजिश है, जिसका उद्देश्य मुसलमानों को उनकी मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों, दरगाहों और कब्रिस्तानों से बेदखल करना है।

वक्फ संशोधन बिल 2025 क्या है?

यह बिल वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार को अधिक अधिकार देने की बात करता है। इसका उद्देश्य सरकारी नियंत्रण को मजबूत करना और विवादित संपत्तियों का निपटारा करना है। हालांकि, मुस्लिम संगठनों का मानना है कि यह बिल समुदाय की धार्मिक संपत्तियों को छीनने का एक प्रयास है।

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राजनीतिक दल बिल पर दो मत

बीजेपी का पक्ष सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता बनाए रखना जरूरी है। यह बिल केवल अनियमितताओं को रोकने के लिए लाया गया है। इससे गरीब मुस्लिमों को अधिक लाभ मिलेगा। वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि यह मुस्लिम समाज के अधिकारों का हनन है। कांग्रेस और AIMIM जैसे दल इसे राजनीतिक हथियार के रूप में देख रहे हैं। मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा की जा रही है।

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