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राजेश शर्मा@ धार
MP News: अमय खुरासिया एमपी के एकमात्र क्रिकेटर हैं जो UPSC की परीक्षा पास करके क्रिकेट में आए थे। अमय खुरासिया ने 17 साल की उम्र में ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और मौजूदा कोच अमय खुरासिया की कहानी बेहद रोचक है।
अमय भारत के लिए आज भी अपनी कोचिंग के जरिए क्रिकेट में अपना योगदान दे रहे हैं। रजत पाटीदार, आवेश खान और व्यंकटेश अय्यर जैसे बेहतरीन खिलाड़ी उनके ही तैयार किए हुए हैं।
गुरु पूर्णिमा पर रजत पाटीदार ने जताया आभार
2025 की IPL विजेता टीम RCB के कप्तान रजत पाटीदार ने अमय खुरासिया को धन्यवाद दिया। रजत ने कहा कि मेरी बल्लेबाज़ी में जो भी निखार है, वह सिर्फ अमय सर की वजह से है। अवेश खान और वेंकटेश अय्यर भी कई मंचों पर कह चुके हैं कि जो कुछ भी आज वे हैं, उसमें अमय खुरासिया सर की कोचिंग की सबसे बड़ी भूमिका है।
केरल टीम को रणजी फाइनल तक पहुंचाया
अमय खुरासिया ने अपने कोचिंग कौशल का लोहा तब मनवाया है जब उन्होंने केरल जैसी सामान्य रणजी टीम को देश की सबसे प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंचा दिया। यह उनके अनुभव, क्रिकेटीय समझ और कोचिंग शैली का उदाहरण है।
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अमय खुरासिया का करियर
अमय बाएं हाथ के स्टाइलिश बल्लेबाज थे। 119 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 7304 रन, 21 शतक और 31 अर्धशतक बनाए। उनका बेस्ट स्कोर रहा 238 रन। उन्होंने 1999 में श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया था और पहली ही वनडे पारी में 57 रन बनाए थे। हालांकि वे 1999 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा बने, लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला।
अब खिलाड़ियों को दे रहे कोचिंग
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अमय खुरासिया ने कोचिंग को जीवन का उद्देश्य बना लिया। इंटरनेशल क्रिकेटर बनने से पहले वे यूपीएसी की परीक्षा पास कर चुके थे। वे मध्यप्रदेश के एकमात्र लेवल-3 कोच हैं और कस्टम्स व सेंट्रल एक्साइज विभाग में सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत हैं।
इंदौर की एकेडमी से तैयार हो रही है अगली क्रिकेट पीढ़ी
खेलों की नगरी इंदौर में स्थित उनकी क्रिकेट एकेडमी से कई युवा खिलाड़ी निकल रहे हैं, जो आने वाले समय में IPL और इंडिया टीम में दस्तक दे सकते हैं। मध्यप्रदेश की रणजी टीम के कई खिलाड़ी भी अमय खुरासिया के शिष्य रह चुके हैं। पद्मश्री कैप्टन मुश्ताक अली, कर्नल सीके नायडू और होलकर क्रिकेट परंपरा की विरासत को अब अमय खुरासिया आगे बढ़ा रहे हैं।
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