आज गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इंदौरवासी बनाएंगे 11 लाख पौधरोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड

मध्यप्रदेश के इंदौर में 11 लाख पौधरोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने के दौरान 100 कैमरों से नजर रहेगी। दान में मिले 20 करोड़ रुपए के पेड़ 300 ट्रकों में भरकर लाए गए हैं। पौधरोपण के महाअभियान की ये योजना 46 दिनों में बनकर तैयार हुई है...

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश के इंदौर में 11 लाख पौधरोपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अब इंदौर को हरियाली की चादर ओढ़ाने के लिए शहरवासी रविवार, 14 जुलाई को रेवती रेंज पर बड़े स्तर पर पौधरोपण करेंगे।

इससे पहले नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाशजी विजयवर्गीय ने रेवती रेंज की पहाड़ी पर स्थित कंट्रोल रूम पर एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित किया। साथ ही विजयवर्गीय ने 14 जुलाई को पौधरोपण महाअभियान में बनने वाले वर्ल्ड रिकॉर्ड और इसकी तैयारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

सुबह छह बजे से पौधरोपण महाअभियान होगा शुरू

मंत्री कैलाशजी विजयवर्गीय ने बताया कि गिनीज बुक के तयशुदा मापदंडों के तहत अभियान में काम किया जा रहा है। इसमें 13 जुलाई को शाम 7.03 बजे से विद्वान पंडितों की उपस्थिति में भूमिपूजन के साथ गड्ढे खोदने का काम शुरू किया गया।

योजना के मुताबिक 12 घंटे गड्ढे खोदे जाएंगे और 14 जुलाई को सुबह छह बजे से पौधरोपण महाअभियान शुरू होगा। पौधरोपण के लिए बड़े पैमाने पर कटर, छोटे फावड़े आदि आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है।

लोगों की सहायता के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की टीम तैनात रहेगी। रेवती रेंज पर पौधरोपण स्थल पर 100 कैमरे लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम से इन 100 कैमरों की मदद से निगरानी की जाएगी। रेवती रेंज को 9 जोन और 100 सबजोन में विभाजित किया गया है।

जनभागीदारी का विश्व का सबसे बड़ा और अनूठा कार्यक्रम

51 लाख पौधरोपण और 11 लाख पौधरोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड की कल्पना 27 मई को की गई थी। 46 दिनों की मेहनत और समर्पित लोगों की टीम की वजह से हम आज इस अहम मुकाम पर पहुंच गए हैं। यह विश्व का सबसे बड़ा जनभागीदारी का अनूठा कार्यक्रम है।

रेवती रेंज में जो वन आकार लेगा वह पूरे शहर की अनमोल संपत्ति होगी। इन पौधों से हमारे बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है। आने वाले समय में यह इंदौर शहर और आसपास के इलाकों का बड़ा पिकनिक स्पॉट बनेगा।

यहां पर मधुकामिनी के 9 लाख पोधों का रोपण किया जाएगा, जिससे पहाड़ी और आसपास उसके फूलों की खुशबु से वातावरण सुगंधित और सकारात्मक ऊर्जा देने वाला होगा।

यहां पर विभिन्न प्रजातियों के पौधों के रोपण से एक बेहतर इकोसिस्टम तैयार होगा और विभिन्न प्रजातियों की चहचहाहट यहां पर पिकनिक मनाने वालों को आकर्षित करेगी। 

पौधरोपण से आकार ले रहे यह वन भविष्य की पूंजी होंगे

51 लाख पौधरोपण का संकल्प लेने के बाद हमने पौधों को इकट्ठा करने की योजना बनाई और 20 करोड़ रुपये की लागत के पेड़ हमें दान में मिले हैं। 300 ट्रकों में भरकर पेड़ पौधरोपण स्थल तक आए हैं। अब तक शहर और उसके आसपास के इलाकों में 23 से 24 लाख पेड़ लग चुके हैं और जिस रफ्तार और उत्साह से पौधरोपण हो रहा है मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम 51 लाख के आंकड़े को पार कर जाएंगे। रेवती रेंज पर एक नर्सरी भी बनाई जाएगी, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ होंगे। यदि कोई पौधा खराब हो जाता है या मृत हो जाता है तो उसकी जगह पर नया पौधा लगाया जाएगा। कोई भी व्यक्ति यदि किसी पौधे को खराब देखे तो वह भी लगा सकता है। पौधरोपण से आकार ले रहे यह वन भविष्य की पूंजी होंगे और इससे इंदौर की प्रतिष्ठा दुनियाभर में होगी।

अपील : पौधरोपण में अपने साथ बच्चों, वृद्धजनों और दिव्यांगों को न लाएं

प्रेस कांफ्रेस में महापौर पुष्यमित्रजी भार्गव ने शहरवासियों से अपील की है कि वह रेवती रेंज आने के लिए दोपहिया वाहन का प्रयोग करें और साथ ही अपने साथ बच्चों, वृद्धजनों और दिव्यांगों को न लाएं। इससे पहले मंत्री कैलाशजी विजयवर्गीय ने रेवती रेंज पर कंट्रोल रूम का फीता काटकर शुभारंभ किया। कंट्रोल रूम से संपूर्ण रेवती रेंज पर निगाह रखी जाएगी। प्रेस कांफ्रेंस में मंत्री कैलाशजी विजयवर्गीय के साथ माननीय जल संसाधन मंत्री तुलसीजी सिलावट और महापौर पुष्यमित्रजी भार्गव भी उपस्थित थे।

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