रिश्वत लेकर भाग रहा था बिजली विभाग का अधिकारी, लोकायुक्त ने फिल्मी स्टाइल में पकड़ लिया

लोकायुक्त पुलिस ने सोनकच्छ बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आनंद कुमार अहिरवार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। उन्होंने एक वाहन मालिक से 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

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Sourabh Bhatnagar
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उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को एक बड़े ऑपरेशन में सोनकच्छ बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आनंद कुमार अहिरवार को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह घटना उस समय सामने आई जब अधिकारी ने एक वाहन मालिक से 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी ताकि वह उसकी बोलेरो गाड़ी का टेंडर अधिक दरों पर मंजूर कर सके। 

क्या था मामला?

लोकायुक्त इंस्पेक्टर राजेन्द्र वर्मा के मुताबिक, शिकायतकर्ता एमपीईबी के आउटसोर्स कर्मचारी हैं और उनकी बोलेरो गाड़ी पहले से ही सोनकच्छ बिजली विभाग में अटैच थी, जिसका किराया 30 हजार रुपए माह था। वाहन का फिर से टेंडर डाला गया था और शिकायतकर्ता ने गाड़ी को उच्च दर पर अटैच कराने के लिए आनंद कुमार अहिरवार से संपर्क किया। अधिकारी ने 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी, जिसके बदले गाड़ी को ज्यादा किराए पर अटैच करने की बात की थी।

शिकायतकर्ता पुष्पराज राजपूत ने तय किया कि वह 50 हजार रुपए की रिश्वत देंगे। इसके बाद, अधिकारी ने पहली किस्त के रूप में 25 हजार रुपए की रकम ली।

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22 मार्च को हुई थी शिकायत

पुष्पराज राजपूत ने 22 मार्च को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा से शिकायत की थी। जांच के बाद शिकायत को सही पाया गया और अधिकारियों ने एक ट्रैप योजना बनाई। तय किया गया कि 25 हजार रुपए की पहली किस्त के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।

आनंद कुमार अहिरवार को कैसे पकड़ा गया?

आनंद कुमार अहिरवार रोजाना इंदौर से सोनकच्छ आते-जाते थे। लोकायुक्त पुलिस ने उनके रूट पर कार्रवाई की और उन्हें सोनकच्छ से इंदौर जाते समय पकड़ लिया। अधिकारी ने अपने वाहन को तेजी से चलाते हुए पुलिस से बचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनका पीछा किया और भौंरासा टोल पर घेरकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी ने रास्ते में दो बार पुलिस को देखा, लेकिन उनकी गाड़ी की रफ्तार कम नहीं हुई, बल्कि उसने और तेज कर दी।

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आनंद कुमार का करियर और कार्यकाल

आनंद कुमार अहिरवार का करियर भी जांच के दायरे में है। उन्होंने 2012 से 2015 तक देवास में सहायक यंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद उनका ट्रांसफर धार हुआ, जहां वह 2019 तक कार्यरत रहे। फिलहाल वह तीन साल से सोनकच्छ डिवीजन में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर कार्य कर रहे हैं। उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं, और अब उन्हें रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है।

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