संजय गुप्ता, INDORE. अप्रैल 2023 से जेल में बंद भूमाफिया दीपक मद्दा ( land mafia deepak madda ) उर्फ दिलीप सिसौदिया के सहयोगी नसीम हैदर की अग्रिम जमानत खारिज हो गई है। ईडी (प्रवर्तन निदेशलाय) द्वारा दर्ज केस में करोड़ों की संपत्ति का घोटाल होने के चलते उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया गया।
नसीम हैदर को लेकर ईडी ने यह बताया
ईडी ने कोर्ट में बताया कि हैदर मजदूर पंचायत गृह निर्माण सोसायटी का मैनेजर था। उसने मद्द के कहने पर केशव नाचानी (हनी), ओमप्रकाश धनवानी (टनी) व अन्य को जमीन बेंची। साथ ही मद्दा के कहने पर उसने नंदानगर साख सोसायटी में खाता खुलवाया और वहां पर राशि जमा कराई। हनी और टनी को ढाई-ढाई एकड़ जमीन बेची और चेक बाउंस होने पर नकद में मद्दा को राशि मिली। सोसायटी की जमीन मद्दा के साथ सहआरोपी बनकर खुर्द-बुर्द कर दी।
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खाली चेक पर साइन करके भी दिए मद्दा को
ईडी ने कोर्ट में यह भी बताया कि मद्दा को हैदर ने बैंक की चेक बुक पर साइन करके दिए। ताकि जमीन बिक्री का जो रुपए आए, उसे मद्दा अपने हिसाब से निकालकर उपयोग कर सके। घोटालों में यह सभी लिप्त है। वहीं हैदर ने कहा कि वह 10वीं पास है, केस होने के बाद भी ईडी ने उसे कभी गिरफ्तार नहीं किया, इसलिए जमानत दी जाए। हनी, टनी और अशोक पिपाड़ा को भी हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इस पर ईडी ने कहा कि हनी, टनी और पिपाड़ा जमीन के खरीददार थे, वहीं हैदर जमीन खुर्द-बुर्द कर सीधे फायदा लेने वाला व्यक्ति है। इसलिए जमानत नहीं दी जाए। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।