प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले में आरिफ मसूद को राहत, HC से मिले थे एसआईटी जांच के आदेश, अब SC ने लगाया स्टे

भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। इससे पहले जबलपुर हाईकोर्ट की ओर से इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले में आरिफ मसूद के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे।

author-image
Dablu Kumar
New Update
Supreme court arif masood
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजधानी भोपाल की मध्य सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सोमवार (18 अगस्त) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद आरिफ मसूद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया है।

सिब्बल और तन्खा ने रखा मसूद का पक्ष

सुप्रीम कोर्ट में आरिफ मसूद की याचिका पर शुक्रवार (22 अगस्त) को सुनवाई हुई। कांग्रेस विधायक की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने उनका पक्ष रखा। सिब्बल और तन्खा ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी और कहा कि इसमें कई कानूनी खामियां हैं। विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट से यह आग्रह किया कि हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे दिया जाए और मामले की पूरी जांच की जाए।

मप्र हाईकोर्ट का आदेश

जबलपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में सुनवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने भोपाल के कमिश्नर को तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। साथ ही, इस मामले की जानकारी कोर्ट में पेश करने को कहा था।

ये भी पढ़िए...MP News: मानसून में बीमारियों का बढ़ा खतरा, तेजी से सामने आ रहे बच्चों में HFMD इंफेक्शन के मामले

इस आदेश के बाद भोपाल के कोहेफिजा थाने में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया गया। आरोप था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज को मान्यता दिलवाने की कोशिश की थी।

प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले वाली खबर को पांच प्वाइंट में समझें 

  • सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया है।
  • सुप्रीम कोर्ट में आरिफ मसूद के लिए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी।
  • मप्र हाईकोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले में एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी जांच के आदेश दिए थे।
  • इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज का संचालन अमन एजुकेशन सोसाइटी करती है, जिसमें आरिफ मसूद सचिव हैं।
  • फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज की मान्यता रद्द की गई थी और हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की।

एसआईटी जांच की मांग

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले की एसआईटी जांच कराने का आदेश दिया था। ADG संजीव शमी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को इस मामले की जांच सौपी गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि एसआईटी को 90 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।

ये भी पढ़िए...भूपेश बघेल ने BJP पर साधा निशाना, बोले - पार्टी के कार्यकर्ता झंडा और दरी उठा रहे

इसके साथ ही कोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के नए दाखिलों पर रोक लगा दी थी। हालांकि, उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी, लेकिन छात्रों के हित को देखते हुए कॉलेज की पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी थी।

कॉलेज संचालन में आरिफ मसूद की अहम भूमिका

इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज का संचालन अमन एजुकेशन सोसाइटी करती है और इस सोसाइटी के सचिव कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद हैं। कॉलेज भोपाल के खानूगांव इलाके में स्थित है। इस कॉलेज के संचालन में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप आरिफ मसूद पर है, जिसे लेकर अब जांच की जा रही है।

पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने की शिकायत

पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने इस पूरे मामले की शिकायत की थी। जांच के दौरान आयुक्त उच्च शिक्षा ने माना कि अमन एजुकेशन सोसाइटी ने कॉलेज की मान्यता प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इसके बाद कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई थी।

ये भी पढ़िए...ग्वालियर-चंबल के लिए बड़ी सौगात, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण को दी मंजूरी

कोर्ट की कड़ी टिप्पणी

हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी की और कहा कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने सालों तक कॉलेज का संचालन नहीं हो सकता था। कोर्ट ने इस पर भी जोर दिया कि इस प्रकार के फर्जी मामलों को उजागर करने के लिए ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामले सामने न आएं।

FAQ

आरिफ मसूद पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
आरिफ मसूद पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज को मान्यता दिलवाई। इसके लिए उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और धोखाधड़ी की।
आरिफ मसूद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे क्यों लगाया?
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे इसलिए लगाया क्योंकि आरिफ मसूद के वकील ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के आदेश में कानूनी खामियां थीं। कोर्ट ने मामले की पूरी जांच करने का आदेश दिया।
इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में अब क्या होगा?
इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में एसआईटी जांच होगी और इसके नए दाखिलों पर रोक लगी हुई है। कॉलेज की मान्यता पहले ही रद्द की जा चुकी है, लेकिन छात्रों के हित को देखते हुए कॉलेज में पढ़ाई जारी रहेगी।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧 ‍👩 

MP News मध्यप्रदेश भोपाल Arif Masood आरिफ मसूद प्रियदर्शिनी कॉलेज कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज