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राजधानी भोपाल की मध्य सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद (Arif Masood) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सोमवार (18 अगस्त) को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद आरिफ मसूद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया है।
सिब्बल और तन्खा ने रखा मसूद का पक्ष
सुप्रीम कोर्ट में आरिफ मसूद की याचिका पर शुक्रवार (22 अगस्त) को सुनवाई हुई। कांग्रेस विधायक की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने उनका पक्ष रखा। सिब्बल और तन्खा ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी और कहा कि इसमें कई कानूनी खामियां हैं। विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट से यह आग्रह किया कि हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे दिया जाए और मामले की पूरी जांच की जाए।
मप्र हाईकोर्ट का आदेश
जबलपुर हाईकोर्ट ने सोमवार को इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के मामले में सुनवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने भोपाल के कमिश्नर को तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। साथ ही, इस मामले की जानकारी कोर्ट में पेश करने को कहा था।
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इस आदेश के बाद भोपाल के कोहेफिजा थाने में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया गया। आरोप था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज को मान्यता दिलवाने की कोशिश की थी।
प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले वाली खबर को पांच प्वाइंट में समझें
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एसआईटी जांच की मांग
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले की एसआईटी जांच कराने का आदेश दिया था। ADG संजीव शमी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को इस मामले की जांच सौपी गई थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि एसआईटी को 90 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।
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इसके साथ ही कोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज के नए दाखिलों पर रोक लगा दी थी। हालांकि, उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी, लेकिन छात्रों के हित को देखते हुए कॉलेज की पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी थी।
कॉलेज संचालन में आरिफ मसूद की अहम भूमिका
इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज का संचालन अमन एजुकेशन सोसाइटी करती है और इस सोसाइटी के सचिव कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद हैं। कॉलेज भोपाल के खानूगांव इलाके में स्थित है। इस कॉलेज के संचालन में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप आरिफ मसूद पर है, जिसे लेकर अब जांच की जा रही है।
पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने की शिकायत
पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने इस पूरे मामले की शिकायत की थी। जांच के दौरान आयुक्त उच्च शिक्षा ने माना कि अमन एजुकेशन सोसाइटी ने कॉलेज की मान्यता प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। इसके बाद कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई थी।
कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी की और कहा कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने सालों तक कॉलेज का संचालन नहीं हो सकता था। कोर्ट ने इस पर भी जोर दिया कि इस प्रकार के फर्जी मामलों को उजागर करने के लिए ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामले सामने न आएं।
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