असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के सपने पर भारी MPPSC की बाजीगरी

मध्यप्रदेश। अभ्यर्थी MPPSC द्वारा जारी नोटिफिकेशन पर आपत्ति दर्ज कराते हुए हाईकोर्ट पहुंच चुके हैं। हाईकोर्ट ने भी 6 सप्ताह में MPPSC से इन आपत्तियों पर एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद भी लोकसेवा आयोग अपने अड़ियल रवैए पर कायम है...

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Sanjay Sharma
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BHOPAL : मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की लापरवाही के चलते एक बार फिर हजारों युवाओं का भविष्य दांव पर है। ये युवा असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे थे। इसे पूरा करने तीन-चार साल कड़ी मेहनत की और अब MPPSC का हठीला रवैया उनके सपने को चूर-चूर कर रहा है। असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के प्रश्न पत्रों में हुई त्रुटियों के बाद रिजल्ट पर आपत्ति को नजरअंदाज कर आयोग ने इंटरव्यू कॉल कर लिए हैं। इंटरव्यू के जारी लिस्ट पर भी अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं।

झोल ये है कि ग्रंथपाल और खेल शिक्षक सहित 8 विषयों की लिस्ट में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए काफी कम अभ्यर्थियों को शामिल किया गया है। जबकि यह संख्या तीन गुना होना चाहिए थी। MPPSC ने इन इंटरव्यू लिस्ट में न तो कटऑफ जारी किया है न ही पदों के विरुद्ध केटेगरी का उल्लेख किया है। इसी वजह से  अभ्यर्थी MPPSC द्वारा जारी नोटिफिकेशन पर आपत्ति दर्ज कराते हुए हाईकोर्ट पहुंच चुके हैं। हाईकोर्ट ने भी 6 सप्ताह में MPPSC से इन आपत्तियों पर एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद भी लोकसेवा आयोग अपने अड़ियल रवैए पर कायम है।

रिजल्ट और इंटरव्यू की लिस्ट पर आपत्तियां

असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के लिए MPPSC ने साल 2022 में नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद परीक्षा के आयोजन में दो साल लग गए। जून महीने में विषयवार परीक्षाएं शुरू हुईं जिनके परिणाम भी अब आ चुके हैं। लेकिन जितने विवादों में असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा घिरी रही उतनी ही आपत्तियां रिजल्ट और इंटरव्यू के लिए जारी लिस्ट पर उठ रही हैं। अभ्यर्थियों की ये आपत्तियां फिजूल भी नहीं कही जा सकतीं क्योंकि आयोग इनका जवाब देने की जगह टालमटोल करता दिख रहा है। MPPSC की बार_बार गलतियां दोहराने की आदत, हर परीक्षा परिणाम और इंटरव्यू के बाद उठने वाले सवालों को देखते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना सजाए बैठे अभ्यर्थी संशय में है।

नहीं मिले योग्य अभ्यर्थी

मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा ने प्रदेश के हजारों पढ़े_लिखे युवाओं की योग्यता पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। इसी साल असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा हुई थी। ग्रंथपाल और खेल शिक्षक और 16 विषयवार परीक्षा के बाद MPPSC ने परिणाम के साथ इंटरव्यू लिस्ट भी जारी कर दी हैं। आयोग द्वारा जिन परीक्षाओं के बाद विषयवार इंटरव्यू लिस्ट जारी की गई उनमें से 8 ऐसी हैं जिनमें तीन गुना से काफी कम अभ्यर्थी हैं। 

  • फिजिक्स में 115 पदों पर नियुक्ति की जानी है, इस लिहाज से इंटरव्यू के लिए तीन गुना यानी 345 अभ्यर्थी बुलाए जाने चाहिए लेकिन जो लिस्ट जारी की गई है उसमें केवल 174 रोल नंबर ही शामिल हैं। 

  • केमेस्ट्री में 160 विज्ञापित पदों के विरुद्ध इंटरव्यू के लिए 424 अभ्यर्थियों को चुना गया है जबकि तीन गुना संख्या 480 होती है। 

  • विधि में 29 पदों पर केवल 52 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए चुने गए हैं जबकि कम से कम 87 बुलाए जाने चाहिए थे। 

  • गणित विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए MPPSC को परीक्षा देने वाले हजारों में से 372 योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले और केवल 366 को ही इंटरव्यू के लिए चुना गया है। 

  • यही स्थिति कॉमर्स में रही। इसके लिए 124 पद हैं जिनके विरुद्ध 366 को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है जबकि तीन गुना के मान से 372 को बुलाया जाना चाहिए था। 

  • अंग्रेजी विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर के 200 पद विज्ञापित हैं। इनके विरुद्ध नियुक्ति के लिए 408 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू लिस्ट में शामिल किया गया है। जबकि इंटरव्यू के लिए तीन गुना यानी 600 अभ्यर्थी बुलाए जाने चाहिए। 

  • ग्रंथपाल के 255 पदों पर 765 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाना चाहिए था लेकिन केवल 623 का ही चयन किया गया है। 

  • खेल शिक्षक के 129 पदों के विरुद्ध जारी इंटरव्यू लिस्ट में 240 को शामिल किए गया है जबकि यह संख्या 387 होना चाहिए। 

नहीं सुनी आपत्ति इसलिए पहुंचे कोर्ट

अभ्यर्थी क्यों आशंकित हैं और उन्हें MPPSC की नीयत पर क्यों भरोसा नहीं है। अभ्यर्थियों के पास इसकी  एक नहीं कई वजह हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के रिजल्ट पर आपत्ति दर्ज कराने वाले अभ्यर्थी हाईकोर्ट भी पहुंचे हैं। इन अभ्यर्थियों ने आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉमर्स) परीक्षा की आंसर की को लेकर 21 अगस्त 2024 को आपत्ति दर्ज कराई थी। चार अभ्यर्थियों की आपत्ति थी कि आयोग ने जो आंसर की जारी की है उसमें सामान्य अध्ययन और कॉमर्स के पेपर में उत्तर गलत थे। छात्रों ने 100 रुपए प्रति प्रश्न की निर्धारित फीस जमाकर वेबसाइट पर आपत्ति की। प्रश्नों के गलत उत्तर, एक से ज्यादा विकल्प, भाषा संबंधी त्रुटि होने के बाद भी MPPSC ने सुधार नहीं किया। इसके बिना ही अंतिम परिणाम के बाद इंटरव्यू लिस्ट जारी कर दी। इस वजह से सही उत्तर दर्ज करने वाले अभ्यर्थी अपने हक से वंचित कर दिए गए हैं। आयोग की इस मनमानी और हठधर्मिता को देख अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच की शरण ली है।

याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों का कहना है असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में गलत आंसर की के आधार पर जारी दोषपूर्ण परिणाम में सुधार की जगह अब आयोग हाईकोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। पिछली सुनवाई के दौरान आयोग की ओर से आंसर की पर आपत्ति दर्ज कराने की बात को झुठलाया गया है। जबकि आयोग की वेबसाइट के साथ ही प्रत्यक्ष दर्ज कराई गई आपत्ति इसका प्रमाण है। अब हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में लोकसेवा आयोग से एक्सपर्ट कमैटी की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। 

87-13% फार्मूले ने बढ़ाई गफलत

असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में  आंसर-की के आधार पर स्वयं को 52 फीसदी अंक मिलने का दावा करने वाले अभ्यर्थी मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की कारगुजारी पर सवाल उठा रहे हैं। डॉ.प्रीति पालीवाल, डॉ.गोवर्धन जाटव, डॉ.प्रिया जैन, प्रमोद कुमार चौहान ने हाईकोर्ट में भी असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के प्रश्न पत्र और फाइनल आंसर की में उजागर त्रुटियां को लेकर अपील की है। इन याचिकाकर्ताओं का कहना है आंसर-की में कई खामियां थीं। कई प्रश्न गलत थे तो कई प्रश्नों के एक से ज्यादा उत्तर  थे। इसको लेकर उन्होंने आपत्ति की थी लेकिन सुधार के बिना ही परिणाम जारी कर  दिए गए। इस वजह से कई योग्य उम्मीदवारों को कम अंक मिले हैं।

ज्यादातर अभ्यर्थी 87-13% फार्मूले की वजह से भी परिणाम, आंसर-की की उलझन को समझ नहीं पाते। आयोग अपने नोटिफिकेशन में तो कैटेगरी के साथ ही मुख्य और प्रावधिक आधार पर पदों का उल्लेख करता है लेकिन परिणाम में इसे छिपाया जा रहा है। जबकि आयोग राज्यसेवा की परीक्षा के परिणामों में कैटेगरी भी स्पष्ट करता है। इस कारण भी आयोग की मंशा पर शंका होना स्वभाविक है। अभ्यर्थियों का सवाल ये भी है कि हजारों अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए हैं। ऐसे में कैसे संभव है तीन_चार सौ पदों के विरुद्ध कटऑफ से ऊपर योग्य उम्मीदवार ही न हों।

फैक्ट फाइल :

1. असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए इन विषयों में तीन गुना से ज्यादा को चुना गया...

विषयविज्ञापित पदतीन गुना संख्याइंटरव्यू के लिए चयनित अभ्यर्थी
जीव विज्ञान115345    413
अर्थशास्त्र104 312  372
भूगोल   23     69       88
राजनीतिविज्ञान118 354     470  
समाज  शास्त्र 80     240       305
वनस्पति शास्त्र126    378  406
इतिहास77  221    322
हिन्दी  116348     412
गृहविज्ञान    42    126   131
संस्कृत17 51 64


2. इंटरव्यू के लिए इनमें तीन गुना से कम योग्य अभ्यर्थी मिलने का दावा...

विषयविज्ञापित पद   तीन गुना संख्याइंटरव्यू के लिए चयनित अभ्यर्थी
केमेस्ट्री  160   480424
फिजिक्स  115   345  174
कॉमर्स124  372366
गणित124 372  366
लॉ   29   8752 
अंग्रेजी200 600  408
ग्रंथपाल255  765 623
खेल शिक्षक 129  387241

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