गरीब और कम आय वालों को मुफ्त इलाज देने की केंद्र की महती आयुष्मान योजना में लगातार सेंध लगाई जा रही है। इस मामले में कई अस्पतालों में पहले भी शिकायतें आ चुकी हैं और जांच की जा चुकी है। इसी मामले में अब भोपाल स्वास्थ्य विभाग से टीम बनाकर शनिवार को अचानक इंदौर के सभी नामी अस्पतालों में दबिश दी गई।
यहां पर यह चेक किया गया
इन अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत भर्ती मरीजों की जांच की गई। देखा गया कि जो मरीज पोर्टल पर दर्ज हैं, वे वाकई में भर्ती हैं या नहीं। क्या उनकी स्थिति इतनी गंभीर है कि उन्हें भर्ती करने की आवश्यकता हो, और उनका उपचार सही तरीके से चल रहा है या नहीं। यह भी जांचा गया कि कहीं इसमें किसी प्रकार का फर्जीवाड़ा तो नहीं हो रहा है।
भंडारी, इंडेक्स, सीएचएल—सभी जगह पहुंची टीम
आयुष्मान योजना से जुड़े शहर के लगभग सभी बड़े अस्पतालों में टीम पहुंची थी। इसमें भंडारी अस्पताल, इंडेक्स, टी. चौइथराम, सीएचएल केयर, ओ-2 हॉस्पिटल, किब्स हॉस्पिटल, मेडिकेयर स्क्वेयर, गोकुलदास, राज श्री, अपोलो वेदांत हॉस्पिटल, सलूजा आई केयर, गीता भवन, एमिनेंट, शंकर आई हॉस्पिटल, वर्मा यूनियन, बांठिया हॉस्पिटल, एसएनजी, वी-वन हॉस्पिटल सहित अन्य कई अस्पताल शामिल हैं।
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इतने अधिकारियों ने की जांच
भोपाल से आई टीम में करीब 12 अधिकारी शामिल थे, वहीं स्थानीय स्तर पर भी 14 अधिकारियों की मदद ली गई। जांच के लिए दर्जनभर टीमें बनाई गई थीं। हर टीम में 2-2 अधिकारी शामिल थे। जांच के लिए भारत आयुष्मान योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. योगेश भरसट भी शहर में मौजूद थे। वहीं जांच टीम में चिकित्सा अधिकारी सहित 2 टीम लीडर, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, हेल्थ इंश्योरेंस एक्सपर्ट, आईटी सलाहकार, बिजनेस एनालिस्ट जैसे विशेषज्ञ अधिकारी शामिल थे।
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जांच टीम में ये अधिकारी भी हुए शामिल
टीम में भोपाल के डॉ. इंद्रजीत सिकरवार, डॉ. अरविंद गढ़वाल, डॉ. नवीन दीवान, डॉ. रोहित पंत, डॉ. रविंद पाल, डॉ. अंकित सिंह परिहार, डॉ. ऋषिराज सिंह, डॉ. अक्षत मंडलोई, डॉ. सुदीप सरकार, डॉ. अविचंद्र गोलाईत, डॉ. धर्मेंद्र राजपूत, डॉ. पवित्रा सेठ सहित इंदौर के स्थानीय डॉक्टर शामिल थे। वहीं, सीएमएचओ डॉ. माधव हसानी ने जांच होने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए टीम आई थी, लेकिन उन्होंने क्या जांच की और क्या पाया, यह हमें नहीं बताया गया। केवल स्टाफ और अन्य जानकारी उनसे ली गई थी, जो उन्हें उपलब्ध करा दी गई थी। कार्रवाई भोपाल स्तर पर ही हो रही है।
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