बांग्लादेशी हिंदू भाई करें हनुमान चालीसा का पाठ, धीरेन्द्र शास्त्री ने की भारत सरकार से ये स्पेशल अपील

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत में आने दिया जाए। उन्होंने बांग्लादेश के हिंदुओं को मैसेज दिया है कि वे हनुमान चालीसा की एक चौपाई 'सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डरना' का पाठ करते रहें।

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
New Update
धीरेन्द्र शास्त्री
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बांग्लादेश में हो रही हिंसा पर मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए हमें देश के द्वार खोल देना चाहिए। इसके अलावा शास्त्री ने बांग्लादेशी हिंदुओं को हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही है। 

शास्त्री की मोदी से अपील

दरअसल शास्त्री ने अपने सोशल मीडिया साइट X पर एक वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने बांग्लादेशी हिंदू भाइयों को हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने की सलाह दी है। शास्त्री ने भारत सरकार से अपील की है कि सरकार बड़ा दिल दिखाए और बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत में आने की परमिशन दें।

ये खबर भी पढ़िए...Bangladesh News LIVE : बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की तैयारियां तेज: मोहम्मद यूनुस का नाम तय

वीडियो में ये कहते आ रहे नजर

शास्त्री ने वीडियो में कहा है मैं अभी न्यूजीलैंड में हूं, मुझे जानकारी मिली है कि बांग्लादेश में स्थिति बहुत खराब हो गई है, वहां पर खूब उपद्रव हो रहा है और लाखों लोग सड़कों पर उतर आए हैं पथराव हो रहा है। हम बालाजी धाम से ये प्रार्थना करते हैं कि बांग्लादेश में भी शीघ्र शांति की प्रार्थना कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू भाई- बहन परेशान हैं, मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है। मेरी देश के प्रधानमंत्री सरकार से अपील है कि वह बड़ा दिल दिखाते हुए बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अपने दरवाजे खोल दें, वो लोग कहां जाएंगे।

देखिए वीडियो...

pratibha rana

thesootr links



  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

 

Pandit Dhirendra Shastri bangladesh news bangladesh violence Bangladesh धीरेंद्र शास्त्री