द सूत्र ने बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) के कर्मचारियों और वसूली एजेंट्स द्वारा एक व्यक्ति पर 1893 रुपए की किश्त नहीं चुकाने पर घुटने तोड़ने की घटना का खुलासा किया। इसके बाद लगातार फोन आ रहे हैं। एक फरियादी ने बताया कि उसे 4950 रुपए की किश्त नहीं भरने पर गालियां दी गईं और धमकाया गया।
अब एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसमें कंपनी के कर्मचारियों ने एक महिला के लोन की राशि और ली गई सामग्री को ही बदल डाला।
यह है बड़ा फर्जीवाड़ा
महू निवासी रीता यादव ने कंचन रेडियो नाम की दुकान से एक मोबाइल लिया था। इस मोबाइल को लेने के लिए उन्होंने बजाज फिनसर्व फाइनेंस कंपनी से 12 हजार रुपए का लोन लिया। इसकी मासिक किश्त 1417 रुपए बनी। बाद में राशि का इंतजाम होने पर राशि भरने के लिए कहा तो कंपनी के मैनेजर आकाश गौतम, पिता शंभूदयाल गौतम लूनियापुर इंदौर निवासी ने मना कर दिया। आकाश ने बताया कि यहां मोबाइल नहीं आपके नाम पर टीवी लिया जाना है और 34 हजार को लोन है।
महिला ने की सभी की शिकायत
इस मामले में सामने आया है कि इसमें कंपनी के कर्मचारी आकाश, रोहित तिवारी, प्रशांत डागर, गौरव यादव के साथ ही दुकान संचालक हनी तोतलानी शामिल हैं। यह सभी कूटरचित बिल के जरिए फर्जी लोन राशि जारी करा रहे हैं। महिला ने इसकी शिकायत पुलिस में की लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो वह कोर्ट गई। वहां से इन सभी का आरोप गंभीर मानते हुए आईपीसी धारा 420, 467, 468, 406, 409, 471, 120बी में केस दर्ज करने के आदेश हुए।
अग्रिम जमानत याचिका रद्द
कंपनी मैनेजर आकाश गौतम और प्रशांत डागर ने इस केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत लगाई, लेकिन न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत आवेदन खारिज कर दिए हैं। अब इन सभी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है और यह पुलिस से फरार चल रहे हैं।
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