मध्य प्रदेश के बालाघाट के नगरपालिका सीएमओ निशांत श्रीवास्तव और शिक्षा विभाग के DCP ( Departmental Promotion Committee ) महेश शर्मा को कार्यों के प्रति लापरवाही करना महंगा पड़ गया। जबलपुर कमिश्नर ने कलेक्टर मृणाल मीणा के प्रस्ताव पर दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
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क्या है मामला?
बताया गया कि नगर पालिका बालाघाट के सीएमओ निशांत श्रीवास्तव ने सीएम हेल्पलाइन, शासन के अभियानों और योजनाओं में संतोषजनक प्रगति नहीं लाई थी। इतना ही नहीं डेंगू मलेरिया के बचाव के लिए नालियों की सफाई, दवाओं का छिड़काव, डोर टू डोर कचरा संग्रहण में भी लापरवाही बरती थी। वहीं, सर्व शिक्षा अभियान परियोजना अधिकारी महेश शर्मा की कक्षा 1 से 8वीं तक में नामांकन में लापरवाही पाई गई थी।
नामांकन में प्रगति न लाने के संबंध में सतत समीक्षा में निर्देश दिए जाने के बाद भी इन्होंने संतोषजनक कार्य नहीं किया था। इसके बाद कलेक्टर मृणाल मीणा ने नगर पालिका सीएमओ और डीपीसी के निलंबन का प्रस्ताव कमिश्नर अभय वर्मा को भेजा दिया था। 22 अक्टूबर को कमिश्नर कलेक्टर के प्रस्ताव पर दोनों ही अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
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दोनों को किया कलेक्टर ऑफिस में अटैच
जबलपुर कमिश्नर अभय वर्मा ने दोनों अधिकारियों को सेवा भर्ती नियम और मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम-1965 के नियम-3 (सामान्य) के विपरीत होने और कदाचार की श्रेणी में आने पर यह कार्रवाई की। निलंबन अवधि में दोनों ही अधिकारियों को कलेक्टर ऑफिस में अटैच किया गया है।
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