बांग्लादेशी शातिर नौकरानी ने करोड़ों की जमीन हड़पने रची साजिश, राज खुला तो घर का सामान बेचकर फरार

नौकरों पर आप भी आंख मूंदकर भरोसा करते हैं तो हो जाएं सावधान। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रिटायर्ड एडिशनल सेक्रेटरी के पिता की कई सालों से सेवा कर रही नौकरानी ने उनकी संपत्ति हड़पने के लिए ऐसी साजिश रची कि सुनकर आप के होश उड़ जाएंगे... 

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Jitendra Shrivastava
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बांग्लादेशी शातिर नौकरानी : मध्यप्रदेश का ग्वालियर में रिटॉयर्ड एडिशनल सेक्रेटरी के पिता के साथ उनकी नौकरानी ने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी वसीयत ही बनवा ली। गुजरात सरकार के पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना ने पुलिस को शिकायत में बताया कि नौकरानी इतनी शातिर थी कि उसने खुद को पत्नी और बेटी साबित करने के लिए फर्जी पेन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड तक बनवा लिए।

बांग्लादेशी सलमा बन गई मीनू सक्सेना

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ग्वालियर के आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया कि नौकरानी सलमा पहले नोएडा में उनके घर में काम करती थी। नौकरानी पुरानी थी, इसलिए पूरा परिवार उस पर भरोसा करता था। इसीलिए पिता की देखभाल करने के लिए दीपक सक्सेना ने अपने पिता के पास उसे ग्वालियर भेज दिया। इसी बीच सलमा के मन में नौकरानी से मालकिन बनने की हसरत पनपने लगी। इसी दौरान दीपक सक्सेना के पिता का निधन हो गया और सलमा ने पेन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाए और उसमें अपना नाम सलमा की बजाय मीनू सक्सेना कर लिया। फर्जी तरीके से बनाए दस्तावेजों में कहीं उसने प्रेम नारायण की पत्नी बताया तो कहीं बेटी बनकर दावा पेश किया। इसी बीच एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना मार्च में जब ग्वालियर आए तो सलमा ने अपना घर बताकर उन्हें गुंडों से पिटवा दिया और बाहर निकाल दिया। सलमा मुरैना में दीपक सक्सेना की ढाई करोड़ की संपत्ति बेचकर नामांतरण करने के लिए आवेदन दिया तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।

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सलमा उर्फ मीनू ने संपत्ति पर ऐसे किया दावा

नौकरानी सलमा, मीनू सक्सेना बनकर खुद अपनी बात कहने आई। मीनू का कहना है कि वह बचपन से ही दीपक सक्सेना के घर रहती थी और उनके पिता की तरह सेवा करती थी। सेवा से खुश होकर एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना के पिता ने मकान और जमीन मीनू के नाम कर दी, जबकि दीपक सक्सेना का आरोप है कि मीनू ने फर्जी दस्तावेज बनवाए और इस आधार पर फर्जी वसीयत करवाई। जबकि कानूनी तौर पर पैतृक संपत्ति की वसीयत नहीं हो सकती। 

बांग्लादेश के कुछ लोगों के साथ मिलकर रचा षड़यंत्र

मीनू अपने को सक्सेना खानदान की बताती है, जबकि एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना का कहना है कि वह बांग्लादेशी है और इसका नाम सलमा है। पहले यह नोएडा में मजदूरी करती थी और इसके घर में इस्लाम धर्म की तस्वीर लगी थी। लेकिन षड्यंत्र पूर्वक बांग्लादेश के कुछ लोगों के साथ मिलकर इसने संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाए। इस मामले में पुलिस ने एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना के बयान दर्ज कर लिए हैं। क्योंकि उस संपत्ति में दीपक सक्सेना के चाचा भी हिस्सेदार थे। इसीलिए उनकी सहमति के बिना नामांतरण नहीं हो सकता और उन्होंने इसकी जानकारी दीपक सक्सेना को दी। रिटॉयर्ड एडिशनल सेक्रेटरी दीपक सक्सेना ने पूरे मामले की शिकायत ग्वालियर के पुलिस में की, जिसके बाद पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन घर का सामान बेचकर फरार हुई सलमा अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई है। बताया जाता है कि सलमा बांग्लादेशी है और और एक पूरी गैंग इस मामले में उसका साथ दे रही है।

सलमा पर ठगी का केस दर्ज

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