बैंक मैनेजर ने 5.50 करोड़ का गबन कर सारी रकम सट्‌टेबाजी में हार दी

ग्राहकों और सुनारों से सांठगांठ कर आरोपी देते थे वारदात को अंजाम, बैंक के 95 ग्राहकों को बनाया था निशाना, बैंक मैनेजर अपने साथियों के साथ मिल कर एक साल से कर रहा था गबन।

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Marut raj
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भोपाल. बैंक मैनेजर ने साढ़े  पांच करोड़ का गबन किया और सारी रकम को सट्टे में हार गया। घटना भोपाल के मणप्पुरम गोल्ड बैंक ( Manappuram Gold Bank ) की है। बैंक में 5.50 करोड रुपए का फर्जी गोल्ड लोन मंजूर कर धोखाधड़ी करने वाले मैनेजर और डिप्टी मैनेजर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया गया है। पिपलानी पुलिस ने मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी के एरिया हेड की शिकायत पर मैनेजर, डिप्टी मैनेजर एवं अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। बाद में मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। बैंक से धोखाधड़ी कर गबन की सारी रकम को आरोपी ऑन लाइन सट्‌टेबाजी में हार चुका है।

95 ग्राहकों के साथ की ठगी

डीसीपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि पिपलानी मणप्पुरम गोल्ड लोन ब्रांच के एरिया हेड रामसेवक शर्मा की शिकायत पर पिपलानी पुलिस ने पिछले महीने 26 फरवरी को मैनेजर (  bank manager ) संजय सैनी और डिप्टी मैनेजर अजय पाल सिंह समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। आरोपियों द्वारा फर्जी तरीके से गोल्ड गिरवी रखकर ग्राहकों को गोल्ड लोन मंजूर किया था। ग्राहकों और सुनारों से सांठगांठ करके मैनेजर और डिप्टी मैनेजर ने कंपनी को 5.50 करोड़ रुपए का चूना लगाया था। मामला उजागर होने के बाद कंपनी ने अपने स्तर पर इसकी जांच की थी। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने 95 ग्राहकों के साथ धोखेबाजी की है।

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ऐसे देते थे वारादात को अंजाम

एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि संजय सैनी ने पूछताछ में चौकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि ग्राहकों द्वारा गोल्ड लोन की  रकम जमा करने पर उक्त राशि  शाखा में जमा नहीं  की जाती थी , बल्कि  वह अपने पास रख् लेता था। इस रकम से आरोपी ऑन लाइन रमी और केसीनो एप गेम में लगा देता था। इसी प्रकार 95 ग्राहकों द्वारा बैंक में रखे गए स्वर्ण आभूषणों में से भी जेवरात निकालकर अपने परिचितों, दोस्तों अन्य बैंक कर्मियों के नाम से सैकड़ो फर्जी लोन प्रकरण फर्जी नामों से फर्जी हस्ताक्षर कर विगत एक वर्ष में बना लिए। अलग-अलग चार लाख रूपये निकालकर आनलाइन गैमिंग में लगा दिए, उक्त कृत्य आरोपी द्वारा अपने सहायक अजय पाल सिंह की सहायता से अंजाम दिया गया है।

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