BHOPAL. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न (Bharat ratan) देने की घोषणा के बाद मोदी सरकार पर इस सर्वोच्च सम्मान का राजनीतिकरण के आरोप लग रहे हैं। अब मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेता और नेताप्रति पक्ष उमंग सिंगार ने भारत रत्न के बहाने राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने का आरोप लगाया है। सिंगार ने अपने X पोस्ट पर तंज सकते हुए लिखा, भारत रत्न अब मोदी रत्न बन गया है।
लोकसभा चुनाव में वोटों को साधने भारत रत्न का राजनीतिकरण
सिंगार ने कहा, केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में राज्यों में अपने जातिगत समीकरण और वोटों को साधने के लिए भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान का भी राजनीतिकरण करने से बाज नहीं आ रही। इस बार राज्यों को लुभाने के लिए इसमें भी पेंच लगाया गया।
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बिहार को साधने के लिए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान
उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो बिहार को साधने के लिए समाजवादी नेता स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' देने की घोषणा की गई। फिर अपनी ही पार्टी में दबी चिंगारी को ठंडी करने के लिए लालकृष्ण आडवाणी भी 'भारत रत्न' देने का ऐलान किया गया।
इसके बाद आंध्र प्रदेश में वोटों की राजनीति के लिए पीवी नरसिम्हा राव, उत्तर प्रदेश के जाट बेल्ट को साधने के लिए चौधरी चरण सिंह और दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में वोट कबाड़ने के लिए डॉ. स्वामीनाथन को 'भारत रत्न' देने की घोषणा की गई।
सिंगार ने कहा कि सबको समझ आ रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन सम्मानों की घोषणा का क्या कारण है? सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ और कुछ नहीं।
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'एक साल में तीन विभूतियों को दिया जा सकता है भारत रत्न'
सिंगार ने कहा कि नियम के अनुसार ये एक साल में सिर्फ तीन विभूतियों को ही भारत रत्न सम्मान दिया जा सकता है। पर बीजेपी सरकार अपने आप को नियम, कानून, संविधान, देश, सम्मान सब के ऊपर समझती है। यहां बता दें, मोदी सरकार ने दो हफ्ते में पांच विभूतियों को भारत रत्न देने का ऐलान किया है।
सरकार भारत रत्न का मोदीकरण ना करे
सिंगार ने आगे लिखा, मोदी सरकार यदि वास्तव में इन विभूतियों का सम्मान करना चाहती है, तो उनके कार्यों और विचारों का अनुसरण करे। साथ ही कहा कि सरकार 'भारत रत्न' का 'मोदीकरण' ना करे।