राजधानी भोपाल में बीएचईएल ( BHEL ) यानी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड अब बड़ा कदम उठाने जा रहा है। बीएचईएल प्रशासन ने भोपाल में साढ़े सात हजार घरों में से डेढ़ हजार को तोड़ने का फैसला किया है। ये घर जर्जर अवस्था में हैं। प्लानिंग के तहत तीन हजार घरों की मरम्मत कराकर ये कर्मचारियों को आवंटित किए जाएंगे। दरअसल, जर्जर और खाली पड़े घरों में वारदातें होने की आशंका बनी रहती है। लिहाजा, सभी पहलुओं को देखते हुए अब भेल प्रशासन ने घर तोड़ने का फैसला किया है।
कर्मचारियों की संख्या घटी
भोपाल में बड़े भू-भाग में फैले बीएचईएल परिसर में एक वक्त ऐसा था, जब यहां बड़ी संख्या में कर्मचारी रहते थे। उनकी संख्या के मान से ही भवनों का निर्माण कराया गया था, लेकिन अब आबादी कम हो गई है। इसकी बड़ी वजह यह है कि ज्यादातर कर्मचारियों ने कटारा हिल्स, बावड़िया कलां, मिसरोद, होशंगाबाद रोड और भेल परिसर के आसपास अपने निजी घर बना लिए हैं।
दूसरा कर्मचारियों की संख्या भी घट गई है। जानकारी के मुताबिक, पहले भेल में करीब 22 हजार कर्मचारी काम करते थे। अब इनकी संख्या घटकर साढ़े चार हजार रह गई है। इसलिए भेल परिसर में बने घर भी खाली पड़े हैं।
ये खबर भी पढ़िए...News Strike : प्रदेश अध्यक्ष की रेस में दो बड़े नाम शामिल, नरोत्तम या कोई और ब्राह्मण चेहरा जीतेगा बाजी ?
घर तोड़ने के लिए टेंडर जारी
मौजूदा स्थिति में बीएचईएल टाउनशिप में साढ़े सात हजार क्वार्टर हैं। अभी इनमें से 3 हजार घरों में ही कर्मचारी और उनके परिवार निवासरत हैं। बाकी घर खाली पड़े हैं। बीएचईएल के एजीएम पीआर विनोदानंद झा का कहना है कि डेढ़ हजार पूरी तरह से तोड़ दिए जाएंगे। इसके लिए टेंडर जारी हो गया है।
वहीं बाकी 3 हजार मकानों की मरम्मत कर उन्हें कर्मचारियों को आवंटित किया जाएगा। आपको बता दें कि बीएचईएल प्रशासन अपने अधिकारी- कर्मचारियों के अलावा सीआईएसएफ के जवानों और अन्य सरकारी एजेंसियों के कर्मचारियों को भी घर आवंटित करता है।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें