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MP News: भिंड तहसील से 5 मई 2025 को जारी एक डेथ सर्टिफिकेट में भिंड शहर को ही मार दिया गया था। इस बड़ी प्रशासनिक लापरवाही में तहसीलदार मोहन लाल शर्मा पर अब कार्रवाई हुई है। तहसीलदार ने एक मृत्यू प्रमाण पत्र जारी किया था। जिसमें मृतक का नाम, माता-पिता का नाम और मृत्यु स्थान सभी जगह बस भिंड लिखा गया है। जैसे ही यह आदेश लोगों के हाथों में आया और वायरल हुआ पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
अपर कलेक्टर ने तहसीलदार को हटाया गया
भिंड के अपर कलेक्टर एल. के. पाण्डेय ने इस शर्मनाक लापरवाही पर त्वरित एक्शन लिया। उन्होंने तहसीलदार मोहन लाल शर्मा को पद से हटाते हुए जिला मुख्यालय अटैच कर दिया है। इससे पहले कि यह आदेश मृत्यु प्रमाण पत्र के रूप में जारी हो, प्रशासन ने उसकी प्रक्रिया को रोक दिया।
सिर्फ पंजीयन बना है, मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं: तहसीलदार की सफाई
मामले पर खुद तहसीलदार मोहन लाल शर्मा ने सफाई दी और कहा कि, यह मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं, केवल पंजीयन है। गलती लोक सेवा केंद्र की ओर से आई है। यदि त्रुटि है तो नोटिस जारी कर ऑपरेटर से जवाब लिया जाएगा। सुधार अवश्य किया जाएगा।
कोटवार बोले- मैंने दस्तावेजों के आधार पर काम किया
जन्म-मृत्यु शाखा का प्रभार कोटवार सतीश चौरसिया के पास है। उन्होंने भी अपनी सफाई में कहा, मैं दस्तावेजों के आधार पर ही पंजीयन करता हूं। मेरा मूल पद कोटवार है और मुझे शाखा का प्रभार अस्थाई रूप से दिया गया है। गलती मुझसे नहीं हुई है।
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लोक सेवा केंद्र भी आया कटघरे में
लोक सेवा केंद्र के प्रभारी जितेंद्र राजावत ने बताया कि उस दिन नया ऑपरेटर काम कर रहा था, जिससे यह गलती हुई। उनका कहना है कि लापरवाही से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन तकनीकी सुधार जरूरी है ताकि आगे ऐसी स्थिति न बने।
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तहसीलदार के खिलाफ कोर्ट में याचिका की तैयारी
मामला सामने आते ही भिंड (bhind) जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनीत मिश्रा और सचिव हिमांशु शर्मा ने प्रशासन को घेरते हुए सख्त प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि तहसीलदार को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। यदि कार्रवाई नहीं की गई तो अर्थी यात्रा निकाली जाएगी। उनका आरोप है कि तहसील कार्यालय में बिना लेनदेन कोई काम नहीं होता और यह भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुका है।
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