भिंड जिले में एक युवा नेता ने खुद को कैबिनेट मंत्री बताने का अनोखा और चौंकाने वाला कदम उठाया है। रुतबा जताने के लिए उसने खुद को कैबिनेट मंत्री घोषित कर दिया। इस फर्जी पहचान को साबित करने के लिए उसने लेटरहेड भी छपवा लिया। मामला तब और दिलचस्प हो गया, जब शहर में बधाई देने वाले होर्डिंग्स भी लग गए। ये अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।
शहर में लगे बधाई के होर्डिंग्स
वहीं युवा नेता के कैबिनेट मंत्री बनने की खबर सुनते ही भिंड में शुभकामनाओं के बैनर और होर्डिंग्स लगा दिए गए। इन होर्डिंग्स पर सीएम मोहन यादव और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर की तस्वीरें भी शामिल थीं।
इस दौरान, युवा नेता ने एक फर्जी आदेश पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसमें दावा किया गया कि उसे कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। यह आदेश पत्र सामान्य प्रशासन विभाग में तैनात आईएएस अधिकारी शैलवाला मार्टिन के नाम से जारी किया गया था।
फर्जी आदेश में क्या लिखा
इस फर्जी आदेश में लिखा है कि युवा नेता को मध्य प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। सबसे रोचक बात यह है कि मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने हाल ही में किसी को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की। जांच में पता चला कि यह आदेश फर्जी है।
यहां देखें आदेश...
क्या है पूरा मामला
दरअसल गोहद के मनोज सिंह के नाम से कस्बे और मालनपुर क्षेत्र में अचानक बधाई देने वाले होर्डिंग्स लग गए। इन होर्डिंग्स में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने की बधाई दी गई है। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का फोटो भी शामिल किया गया। हालांकि, होर्डिंग्स में अनुराग ठाकुर को केंद्रीय मंत्री के रूप में बताया गया है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस आदेश में कई गलतियां थीं। लेटर की शुरुआत में "वल्लभ भवन" को गलत तरीके से लिखा गया था और अक्षरों का क्रम भी सही नहीं था। नियमों के अनुसार किसी आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है, लेकिन इस आदेश में सीधे कैबिनेट मंत्री का दर्जा लिखा गया था, बिना किसी अन्य विवरण के। बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला अध्यक्ष ने अधिकारियों से शिकायत की, जिसके बाद जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आदेश नकली है। अब कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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