एमपी में पहली बार कमिश्नरेट पुलिस सेवा में तैनात एक उच्च अधिकारी को सजा दी गई है। यह सजा एसीपी (ACP) अनीता प्रभा शर्मा को ड्यूटी के दौरान गायब रहने के चलते दी गई है। इस फैसले के तहत एसीपी अनीता शर्मा से 2 थानों का प्रभार वापस ले लिया गया है। अब इन थानों का प्रभार दूसरे अधिकारियों को सौंपा गया है।
महाशिवरात्रि पर ड्यूटी से गायब रहीं ACP
महाशिवरात्रि पर्व के दिन एसीपी अनीता प्रभा शर्मा ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहीं। जबकि उस दिन शोभायात्रा निकाली जा रही थी जो राजधानी भोपाल के कई संवेदनशील जगहों से गुजरी थी। ऐसे में माहौल बिगड़ने की संभावना पैदा हो रही थी। महाशिवरात्रि के दिन लाखों श्रद्धालु धार्मिक आयोजन में शामिल होते हैं।
2 थानों का था प्रभार
शोभायात्रा और धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। ऐसे समय में पुलिस अधिकारियों की गैर मौजूदगी प्रशासनिक स्तर पर चिंता बढ़ाने वाली थी। एसीपी अनीता प्रभा शर्मा को कोतवाली और तलैया थाना क्षेत्रों का प्रभार सौंपा गया था, जो इस दिन विशेष रूप से संवेदनशील थे। लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण प्रशासन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
DCP ने लिया एक्शन
डीसीपी (DCP) रियाज इकबाल ने इस मामले में तत्काल एक सख्त कार्रवाई की। उन्होंने एसीपी अनीता प्रभा शर्मा से कोतवाली और तलैया थाने का प्रभार छीन लिया और उन्हें श्यामला हिल्स थाने की जिम्मेदारी दी है। इसके बाद कोतवाली थाना का प्रभार शाहजहानाबाद के एसीपी निहित उपाध्याय और तलैया थाने का प्रभार हनुमानगंज के एसीपी राकेश बघेल को सौंपा गया।
पहली बार हुई ऐसी कार्रवाई
डीसीपी रियाज इकबाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस तरह की कार्रवाई महकमे में एक चेतावनी है।" उनका कहना था कि पुलिस विभाग में कर्तव्यनिष्ठा बनाए रखना आवश्यक है और भविष्य में कोई भी अधिकारी लापरवाही नहीं करेगा। बता दें यह सजा कमिश्नरेट पुलिस के इतिहास में पहली बार दी गई है, जब एक उच्च अधिकारी को ड्यूटी से नदारद रहने के कारण दंडित किया गया।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें