फिर चर्चा में आया बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, अब दुर्गा उत्सव को लेकर जारी किया ये फरमान!

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक अजीब आदेश जारी किया है। इस आदेश के कारण बरकतउल्ला विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। छात्र संगठन इसका जमकर विरोध कर रहे हैं।

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Sourabh Bhatnagar
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 दुर्गा उत्सव को लेकर अजीब फरमान!
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मध्य प्रदेश के भोपाल का बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ( Barkatullah University ) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक अजीब आदेश जारी कर कहा है कि अगर छात्र समय पर हॉस्टल की फीस जमा नहीं करेंगे तो छात्रावास में दुर्गा उत्सव की अनुमति नहीं दी जाएगी। अब विश्वविद्यालय के इस आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है।

छात्र संगठन इस फैसले का जमकर विरोध कर रहे हैं। वहीं, संस्कृति बचाओ मंच ने विश्वविद्यालय के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताया है। आपको बता दें कि इससे पहले विश्वविद्यालय में भगत सिंह की जयंती मनाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था।

आदेश में क्या कहा गया है

दरअसल, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को लेकर ये आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि छात्रों को 2 से 6 अक्टूबर के बीच हॉस्टल की फीस जमा करनी होगी। आदेश के मुताबिक तय समय पर फीस जमा नहीं की गई तो छात्रों का एडमिशन अवैध माना जाएगा। साथ ही छात्रों को दुर्गा उत्सव मनाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। 

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आदेश के अनुसार, इसके लेकर अगर छात्र कुलपति से मिलना चाहते हैं तो सिर्फ दो छात्रों को ही अनुमति होगी। आदेश में कहा गया है कि अन्य छात्रों को कुलपति से मिलने के लिए पुलिस से अनुमति लेनी होगी। अब विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, और इसी को लेकर विवाद तूल पकड़ रहा है।

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संस्कृति बचाओ मंच ने किया विरोध

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आदेश का संस्कृति बचाओ मंच ने विरोध किया है। संस्कृति बचाओ मंच ने इस आदेश को तुगलगी फरमान बताया है। संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, देश में मुगलों का राज नहीं है। इस तरह के तुगलकी फरमान नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि फीस और धर्म दोनों ही अलग-अलग मामले हैं। फीस विश्वविद्यालय प्रशासन का निजी मामला है। 

तिवारी ने विश्वविद्यालय से आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए माफी मांगने की मांग की है। साथ ही उन्होंने ऐसा न करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। आपको बता दें कि इससे पहले विश्वविद्यालय में भगत सिंह की जयंती मनाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था।

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