भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी (Bhopal Development Authority) के बाबू तारकचंद दास को 23 अगस्त को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने उनकी संपत्तियों की जांच की, जिसमें उनकी पत्नी मंदिरा दास के नाम पर बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के मालवीय नगर शाखा में एक लॉकर मिला। इस लॉकर को खोलने पर पुलिस को 42 लाख रुपए से ज्यादा की नकदी, 500 ग्राम सोने के जेवरात, और डायमंड ज्वेलरी (diamond jewelry) के बिल समेत अन्य दस्तावेज मिले।
लॉकर में ये मिला
- 42 लाख रुपए से ज्यादा नकदी
500 ग्राम सोने के जेवरात
हीरे की ज्वेलरी और उसके बिल
पुलिस ने क्या बताया?
डीएसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए यह सब सामग्री बरामद की गई। यह कार्रवाई गिरफ्तारी के 40 दिन बाद की गई, जब पुलिस ने बैंक में लॉकर खोला। आरोपी तारकचंद ने बीडीए (BDA) के रत्नागिरी प्रोजेक्ट (Ratnagiri Project) में लीज (lease) नवीनीकरण के नाम पर एक व्यक्ति से 3 लाख 35 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से उसने पहली किस्त के रूप में 40 हजार रुपए ले लिए थे।
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रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए
तारकचंद दास को लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए उसके कार्यालय में रंगे हाथों पकड़ा था। उसने यह रकम टेबल की दराज में रखवाई थी, जिसे पुलिस ने तुरंत बरामद कर लिया। इसके बाद उसकी संपत्तियों की जांच शुरू की गई, जिसमें करीब 80 से अधिक चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा मिला है। तारकचंद की पत्नी के नाम पर एक दुकान भी है और उनके पास रजिस्ट्री के सर्विस प्रोवाइडर (registry service provider) का लाइसेंस भी है, जिसके जरिए वह बीडीए से प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर दबाव डालते थे कि वे रजिस्ट्री उनकी दुकान से ही करवाएं।
शिकायतकर्ता पिछले 6 महीने से अपने मकान के लीज नवीनीकरण के लिए परेशान था, क्योंकि तारकचंद बिना रिश्वत लिए काम करने को तैयार नहीं था। आखिरकार फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया और रिश्वत की तय रकम पर ट्रैप बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार कराया।
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