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MP News: भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर बसों की चेकिंग की गई। इस अभियान के तहत शहर भर में कुल 19 चेकिंग पॉइंट बनाए गए थे। इन चेकिंग पॉइंट्स पर दिनभर में 410 स्कूल और कॉलेज की बसों की चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान, 126 बसें तय मानकों पर खड़ी नहीं उतरीं और इन पर मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) की धाराओं में कार्रवाई की गई।
चेकिंग के दौरान दानिश चौराहे पर एएसआई प्रेमनारायण ने एक बस को रोका, जिसमें आनंद स्कूल की बस का चालक राधेश्याम नशे में धुत मिला। चालक के पास जरूरी दस्तावेज नहीं थे और उसने ड्राइवर की वर्दी भी नहीं पहनी थी। पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है।
31 मई तक होगी चेकिंग
डीसीपी ट्रैफिक संजय सिंह ने बताया कि यह अभियान 31 मई तक जारी रहेगा और इसकी निगरानी नियमित रूप से की जाएगी।
परिवहन विभाग में कर्मचारियों की कमी
भोपाल में ट्रैफिक चेकिंग के दौरान एक और महत्वपूर्ण मुद्दा सामने आया - परिवहन विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी। प्रदेशभर में लगभग 46,000 शैक्षणिक और यात्री बसें रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इनकी चेकिंग करने के लिए जिम्मेदार रीजनल ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर (आरटीआई) और ट्रांसपोर्ट सब इंस्पेक्टर (टीएसआई) की संख्या केवल 66 है। विभाग में कुल 910 पद खाली हैं, जिसमें डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से लेकर अन्य विभागीय कर्मचारियों के 910 पद खाली हैं।
इसके चलते, चेकिंग की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस को सौंपनी पड़ी। चेकिंग के दौरान, इक्का-दुक्का पॉइंट्स को छोड़कर किसी भी चेकिंग पॉइंट पर भोपाल आरटीओ की टीम मौजूद नहीं थी।
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ऑटोमेटेड टेस्टिंग सेंटर में वाहन कम आ रहे हैं
भोपाल में कान्हासैया में स्थापित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) में फिटनेस जांच के लिए वाहनों की संख्या कम हो गई है। यह टेस्टिंग स्टेशन जुलाई 2024 से कार्यरत है, लेकिन यहां की मशीनें बारीकी से खामियों की पहचान कर रही हैं, जिससे वाहन बार-बार रिजेक्ट हो जाते हैं। इससे वाहन मालिकों का सेंटर पर आना कम हो गया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, यह स्थिति समस्या उत्पन्न कर सकती है, क्योंकि वाहन फिटनेस के लिए अब वाहन सेंटर पर नहीं पहुंच रहे हैं।
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