भोपाल की एक महिला होम्योपैथिक डॉक्टर के साथ 90 हजार रुपये की साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर पॉर्न देखने का डर दिखाया और ठगी (Cyber fraud) को अंजाम दिया। पुलिस जब ठग तक पहुंची तो और भी कई बड़े खुलासे हुए।
8वीं पास आरोपी बना फर्जी अफसर
सिर्फ 8वीं पास आजाद (38) खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर भोपाल की डॉक्टर को फोन करता है। कॉल में कहा गया कि उनके मोबाइल से पोर्न साइट देखी गई है और इस पर शिकायत दर्ज हुई है। केस खत्म करने के नाम पर उसने जज, वकील और गारंटर के नाम पर 90 हजार रुपए ठग लिए। इस ठग ने एक नहीं बल्कि सैंकड़ों लोगो को इस तरह ठगा है।
मास्टरमाइंड को पकड़ा तो ग्रामीणों ने किया विरोध
भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम जब आरोपी को पकड़ने यूपी के कानपुर जिले के रठीगांव पहुंची तो ग्रामीणों ने विरोध किया। आरोपी आलीशान दोमंजिला मकान में रहता था, जहां ग्राउंड फ्लोर पर तीन दरवाजे थे। पुलिस की दबिश के दौरान आजाद पीछे के दरवाजे से भागा और मंदिर में छिप गया। बाद में भारी पुलिस बल की मदद से उसे पकड़ लिया गया।
चार साल में सैंकड़ों लोगों को बनाया निशाना
डीसीपी क्राइम अखिल पटेल और एडीसीपी शैलेंद्र चौहान के अनुसार, आजाद पिछले चार सालों से ठगी के धंधे में लगा हुआ था। वह अकेले ही यह फर्जीवाड़ा कर रहा था। पूछताछ में उसने कबूल किया कि जिन खातों में पैसे जमा होते थे, वे सभी किराए पर लिए गए थे। पुलिस को अब तक छह ऐसे खातों की जानकारी मिली है, जिनमें करीब एक करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
आलीशान घर और भाईयों का नेटवर्क भी जांच के घेरे में
आजाद जिस घर में रह रहा था, वह काफी आलीशान है। गांववालों से मिली जानकारी के अनुसार, उसके कई भाई भी इसी प्रकार की ठगी में लिप्त हैं। इनमें से एक भाई नासिक चला गया है। पुलिस अब आजाद की संपत्ति और नेटवर्क की भी जांच कर रही है।
चार अलग-अलग स्कीमों में करता था ठगी
जांच अधिकारी देवेंद्र साहू के मुताबिक, आजाद ने चार अलग-अलग स्कीमों के जरिए लोगों को ठगा है। पहले पीएम आवास योजना में आधार लिंक कराने के नाम पर, फिर जनधन योजना में गारंटी के नाम पर लोगों को फंसाया। इसके बाद उसने पोर्न साइट और डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर हजारों लोगों से रकम ऐंठी। छत्तीसगढ़, प्रयागराज और नरसिंहपुर से कई शिकायतें दर्ज हुई हैं।
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जब्त मोबाइल और सिम से खुल सकते हैं कई राज
पुलिस ने आरोपी के पास से एक मोबाइल और कई सिम कार्ड जब्त किए हैं। माना जा रहा है कि इनसे और कई नए खुलासे हो सकते हैं। साथ ही, आरोपी को सिम और फर्जी बैंक खातों की सुविधा देने वाले नेटवर्क की भी पहचान की जा रही है।
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झूठे केस का लोगों को दिखाता था डर
भोपाल की महिला डॉक्टर के मामले में आजाद ने कहा था कि अगर केस खत्म कराना है, तो तुरंत जज और वकील को भुगतान करना होगा। इसी डर में महिला डॉक्टर ने 90 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। 5 मार्च को इस मामले की शिकायत दर्ज हुई थी, जिसके बाद से साइबर क्राइम विंग इसकी लगातार निगरानी कर रही थी।
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