भोपाल के बगरोदा में बंद फैक्ट्री से 1814 करोड़ रुपए की मेफेड्रोन (एमडी ड्रग्स) बरामदगी के तीन दिन बाद ही पुलिस को 2 किलोमीटर दूर ग्राम रापड़िया में एक और ड्रग्स का गोदाम मिला है। यहां से करीब 3500 लीटर सामग्री जब्त की गई है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 350 करोड़ रुपए बताई जा रही है। हालांकि, स्थानीय बाजार में इसकी कीमत 60 लाख रुपए आंकी गई है। यह गोदाम विष्णु पाटीदार के स्वामित्व में है और भोपाल निवासी अमित चतुर्वेदी ने इसे किराए पर लिया था।
अमित ने विष्णु से किराए में लिया था गोदाम
जांच के दौरान, यह खुलासा हुआ कि अमित ने विष्णु पाटीदार से यह गोदाम किराए पर लिया था, जिसमें उसने साबुन की फैक्ट्री के लिए सामग्री रखने का हवाला दिया था। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र और डीसीपी जोन-2 संजय अग्रवाल ने बताया कि फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद पुलिस ने आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी, जिससे उन्हें ग्राम रापड़िया के गोदाम का सुराग मिला।
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हरीश को पुलिस रिमांड पर भेजा
विशेष न्यायालय (एनडीपीएस) ने हरीश को 14 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। एनसीबी ने फैक्ट्री से जब्त किए गए ड्रग्स के 50 सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं। इस मामले में हरीश आंजना का नाम भी सामने आया है, जो पांच साल पहले भाजपा और कांग्रेस में राजनीतिक रसूख रखने के कारण चर्चा में आया था।
कई लोगों से पूछताछ जारी
हरीश की मंदसौर, नाहरगढ़, और पिपलियामंडी में बड़ी मात्रा में संपत्ति है, जिसका वर्तमान मूल्य लगभग 5 करोड़ रुपए है। पुलिस ने उसकी जमीनों को चिह्नित किया है और ‘संपत्ति जब्ती अधिनियम 1976’ के तहत कार्रवाई की तैयारी कर रही है। हरीश के गिरोह से जुड़े लगभग 12 अन्य लोगों से पूछताछ जारी है, जिनमें से ज्यादातर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
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