एमडी ड्रग्स मामला : अमित चतुर्वेदी की गोदाम पर छापा, केमिकल जब्त किया

एमडी ड्रग्स मामले में पुलिस को पूछताछ में कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। पुलिस ने फैक्ट्री मालिक की गिरफ्तारी के लिए नोटिस जारी कर दिया है। ड्रग्स बनाने के लिए दो मजदूरों को रखा गया था। आरोपी दिन में कई बार फैक्ट्री के चक्कर लगाता था।

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Madhav Singh
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एमडी ड्रग्स मामले में आज कटारा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। ड्रग्स कंपनी के मास्टर माइंड अमित चतुर्वेदी की एक गोदाम को पकड़ा है। पुलिस ने रापड़िया गांव मे रेड मारकर 20 ड्रम केमिकल जब्त किया है। इधर एमडी ड्रग्स मामले में फैक्ट्री मालिक को पुलिस ने भेजा गिरफ्तारी नोटिस। 50 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से किराए पर ली गई थी फैक्ट्री। मंदसौर से गिरफ्तार हरीश आंजना भी आता रहता था फैक्ट्री में। कटारा हिल्स थाना क्षेत्र के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में बन रही थी एमडी ड्रग्स। 

कैसे अमित ने ड्रग्स की फैक्ट्री की शुरुआत की

अमित चतुर्वेदी ने अपने करियर की शुरुआत प्राइवेट जॉब से की। इसके बाद, उन्होंने दो बार अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन दोनों प्रयासों में असफल रहा। जब उसे NCB और गुजरात ATS ने हिरासत में लिया और पूछताछ की, तो उसने दावा किया कि उसे यह नहीं पता था कि उसकी फैक्ट्री में बने केमिकल का उपयोग नशे के लिए किया जा रहा था।

जब ATS ने अमित से गहन पूछताछ की, तो उसने खुलासा किया कि नासिक निवासी सान्याल बाने से उसकी पुरानी जान-पहचान थी। अमित और सान्याल की पहली मुलाकात एक दोस्त के माध्यम से मुंबई में हुई थी, और इसके बाद वे कई बार नासिक में भी मिले।

अमित के मुताबिक, उसकी मुलाकात सान्याल से हरीश आंजना ने कराई थी। हरीश और सान्याल, ऑर्थर रोड जेल में साथी रहे थे। हरीश के माध्यम से सान्याल ने अमित को भोपाल के बाहरी क्षेत्र में फैक्ट्री के लिए जमीन ढूंढने के लिए कहा, और इस तरह उसने बगरोदा में जयदीप सिंह की फैक्ट्री को किराए पर लिया। इस फैक्ट्री को पहले एके सिंह ने अलॉट कराया था, जिसे बाद में जयदीप ने खरीद लिया।

दो मजदूर बनाते थे ड्रग्स

बताया गया है कि एमडी ड्रग्स बनाने के लिए अमित ने दो मजदूरों को काम पर रखा हुआ था। वह दिन में करीब चार से पांच बार फैक्ट्री आता था। हालांकि गुजरात एटीएस और नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)को सिर्फ कच्चा माल ही बरामद हुआ। जिसके बाद कागजी कार्रवाई कर फैक्ट्री को सील किया जा रहा है। 

आंजना को फैक्ट्री लेकर गई पुलिस

मंदसौर से गिरफ्तार तीसरे तस्कर हरीश आंजना को पुलिस फैक्ट्री लेकर पहुंची। जांच टीम को यह भी पता चला था कि हरीश फैक्ट्री में आता-जाता रहता था। वह ड्रग्स को आगे सप्लाई करता था। 

तस्करी में फंसा तो हुआ आंजना का भाजपा से निष्कासन

मंदसौर के ड्रग सप्लायर हरीश आंजना, जो कभी भाजयुमो के मंडल पदाधिकारी थे, पर 2019 से 2022 तक चार केस दर्ज हैं, जिनमें दो मादक पदार्थ की तस्करी से जुड़े हैं। ढाई साल पहले NDPS केस में पकड़े जाने के बाद, भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। हालांकि, 2023 के विधानसभा चुनाव में हरीश ने जगदीश देवड़ा के प्रचार में हिस्सा लिया और उनके डिप्टी सीएम बनने पर भोपाल जाकर उन्हें गुलदस्ता भेंट किया। 2018 से मार्च 2020 तक जब कमलनाथ सरकार थी, तब वह कांग्रेस के नेताओं के साथ भी दिखे। उस समय, वह सुवासरा उपचुनाव और 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राकेश पाटीदार के साले प्रेमसुख पाटीदार के संपर्क में रहे।

बेटे के लिए खरीदी थी फैक्ट्री

कटारा हिल्स थाना प्रभारी बृजेंद्र निगम ने बताया कि फैक्ट्री मालिक जेके रोड निवासी सेवानिवृत्त बीएचईएल अधिकारी ए.के सिंह को गिरफ्तारी का नोटिस भेजा गया है। बताया गया कि उन्होंने अपने बेटे के लिए इस फैक्ट्री को अपने दोस्त से 20 लाख रुपए में खरीदा था। बाद में बेटा अमेरिका शिफ्ट हो गया तो फैक्ट्री बंद हो गई। जब अमित ने उनसे संपर्क किया और साबुन बनाने के लिए पचास हजार रुपये प्रतिमाह में फैक्ट्री देने की बात की तो उन्होंने उसे किराए पर दे दिया था। उन्होंने बताया कि किराया समय से मिल रहा था, इस वजह से कभी फैक्ट्री पर नहीं गया। 

12 केमिकल मिलाकर बनाई जाती थी एमडी ड्रग्स

बताया गया है कि नासिक के सान्याल बाने और भोपाल के अमित चतुर्वेदी के साथ हरीश आंजना  यहां ड्रग्स बनाने का काम करते थे। कच्चा माल अमित चतुर्वेदी लाता था, जिसमें 12 तरह के केमिकल शामिल होते थे। अमित को केमिकल की अच्छी पहचान थी, क्योंकि उसने केमिस्ट्री से एमएससी किया है। बाकी का काम सान्याल देखता था। ड्रग्स बनाने के लिए इन सभी केमिकलों  को मिक्सर मशीन में सात दिन के लिए छोड़ दिया जाता था। हरीश मुंबई, बेंगलुरु और नेपाल तक ड्रग्स तस्करों की तलाश करता था।

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मजदूरों को पिलाई जाती थी शराब

बगरोदा की फैक्ट्री में कार्रवाई के दौरान मजदूरों से पूछताछ की गई, इसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया। बताया गया कि काम करते समय दोनों मजदूरों को शराब का नशा कराया जाता था। शराब की महक से उन्हें काम करने में परेशानी नहीं होती थी। 

पूछने पर खाद बनने की बात कहता था आरोपी

ड्रग्स फैक्ट्री के सामने ही एमके कुशवाह की फैक्ट्री है। उन्होंने बताया कि अमित दिन में कई बार अपनी कार से चक्कर लगाता था। फैक्ट्री ज्यादातर बंद ही रहती थी, पूछने पर वह कहता कि खाद बनाकर बाहर सप्लाई करते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सात माह में उन्होंने कभी भी किसी वाहन से माल बाहर जाते हुए नहीं देखा था। 

मुंबई में हुई थी अमित और सान्याल की मुलाकात

पूछताछ में पता चला है कि अमित मुंबई में किसी प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता था। जहां उसकी मुलाकात मुलाकात सान्याल से हुई। इसके बाद वह सान्याल से मिलने नासिक जाने लगा। करीब पांच साल पहले सान्याल को किसी मामले में जेल हो गई थी। जेल से निकलते ही उसने ड्रग्स की तस्करी शुरू कर दी। सान्याल के कहने पर अमित ने भोपाल में एक खाली फैक्ट्री की तलाश की। फिर ये सभी लोग एमडी ड्रग्स बनाने का काम करने लगे। अमित ने अभी तक ड्रग्स की बात नहीं कबूली है।

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जल्द की जाएगी लीज निरस्तीकरण की कार्रवाई

जिस फैक्ट्री में ड्रग्स बनाई जा रही थी, उसके मालिक को मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (एमपीआईडीसी) ने लीज निरस्तीकरण के नोटिस जारी कर दिए हैं। कार्यकारी निदेशक विशाल सिंह चौहान ने बताया कि सोमवार को बगरोदा स्थित फैक्ट्री का निरीक्षण किया। जहां फर्नीचर फैक्ट्री थी, जिसमें अवैध रूप से ड्रग्स का काम किया जा रहा था। यह जमीन 30 वर्ष के लिए लीज पर जयदीप सिंह को दी गई थी। उन्हें नोटिस जारी किया गया है। जल्द ही लीज निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। 

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